न्यूयॉर्क शहर के मेयर के कार्यालय के अंतर्राष्ट्ीय मामलों के डिपटी कमिश्नर दिलीप िरौहान 14 अप्रैल को एक कायतिक्म के दरौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राजय मंत्री रामदास अठा्वले के साथ
भीमराव रामजी अंबेडकर दिवस के रूप में घोषित मक्या ग्या है । उन्होंने कहा कि इस घोषणापरि में लोकतंरि, सममान, महिला सशक्तिकरण और ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर पड़े समुदा्यों के लिए त््या्य को आगे बढ़ाने में अंबेडकर की महान विरासत को सवीकार मक्या ग्या है । उन्होंने श्री एडमस के प्रति आभार
व्यकत करते हुए कहा कि ्यह घोषणा प्रतीकातमक से कहीं अधिक है । ्यह एक नैतिक घोषणा है जो त््यदू्यार्क को मानवाधिकारों और त््या्य के
लिए वैन््वक राजधानी के रूप में स्ामपत करती है ।
इससे पहले सं्युकत रा्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्ारा आ्योजित का्यताकम में केंद्रीय मंरिी अठावले ने कहा कि डा, आंबेडकर ने जिन सिद्धांतों के लिए लड़ाई लड़ी- समानता, प्रतिनिधितव और मानवाधिकार- वह 2030 के
आंबेडकर तद्वस की घोषणा करते हदुए मेयर एडमस ने कहा कि ददुतनया भर से कई पीढ़ियों के लोग न्यूयॉर्क शहर में नई संभा्वनाओं की तलाश में महासागरों को पार कर आए हैं । समय के साथ, उनके योगदान ने हमारे पड़ोस को मजबूत करने और हमारे शहर की समृद सांस्कृतिक ताने-बाने को बढ़ाने के जी्वंत इतिहास में त्दील कर दिया है । महापरौर ने डा. अंबेडकर के सिदांतों को कायम रखने के लिए शहर के निरंतर प्रयासों पर बात की ।
सतत विकास लक््यों को प्रापत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदा्य के सामदूमहक प्र्यासों में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं । डा. आंबेडकर का
जीवन भारती्य इतिहास का एक अध्या्य मारि नहीं है, बल्कि ्यह पदूरी मानवता के लिए एक प्रकाश सतंभ है । विपत्तियों में जन्म लेने के बाद भी उन्होंने जाति, गरीबी और औपनिवेशिक उतपीड़न द्ारा लगाए गए हर अवरोध को पार मक्या और समानता, सममान और लोकतंरि के लिए एक वैन््वक वकील बन गए । उनकी वकालत भारत की सीमाओं से कहीं आगे तक गदूंजती है, जो उन्हें आधुनिक मानवाधिकार आंदोलन का प्रतीक बनाती है ।
जानकारी हो कि 14 अप्रैल ' 1891 को जन्म लेने वाले डा. भीम राव आंबेडकर संविधान सभा की सबसे महतवपदूणता मसौदा समिति के अध्यक् थे, जिसके कारण उन्हें संविधान के निर्माता का नाम मिला । दलितों के अधिकारों के लिए लड़े गए सामाजिक आंदोलनों में महतवपदूणता भदूमिका निभाने वाले डा. आंबेडकर ने 1927 में कोलंमब्या मव्वमवद्ाल्य से अर्थशासरि में पीएचिडी और 1952 में मानद उपाधि प्रापत की थी । �
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