madhya pradesh sanskriti MARCH 2014 | Page 42

भध्मप्रदे शसॊस्कृतत दृवर्ट से कभ विकलसत है । िे 2. भेडडकर बी अविरम्फ उसी थाने प्रदे र् भें होने िारे हय दजि फरात्काय ऩरयलसथततमाॊ भदहराएॊ क द्िाया भदहरा र्चककत्सक से े क े तनभािण कयामा जािे। शासकीम र्चककत्सक भेडडकर थथरों तथा िैसी ही अन्म लसथततमों उऩरब्ध न होने की दर्ा भें यस्जथरडि र्गयफ्तायी की सचना एिॊ जाॊच से ू भें कामि कयती हैं औय उतत ऺेत्रों भें भेडडकर प्रेककरर्नय से कयामे। जडे सबी ऩहरओॊ की जानकायी 7 ु ु भदहराओॊ की प्रालसथतत भें सधाय हे तु ु 3. चूकक अर्धकतय फरात्काय क े ददिस भें आिटमकरूऩ से याज्म विलशटट रयऩोटि क आधाय ऩय याज्म े प्रकयण भें र्चककत्सक की रयऩोटि भदहरा आमोग को बेजी जािे। सयकाय को लसपारयश कयना है । अथऩटट होती है अथिा िह ऩीडडता 10. याज्म भें मा चुने हुए ऺेत्रों भें , क व्मककतगत जीिनर्ैरी स्जसका े थिाथथ्म विबाग एिॊ ज्मडडर्यी को ू भदहराओॊ क विरूद्ध उन सभथत े प्रकयण से रेना दे ना नही होता है क े भदहराओॊ क प्रतत सॊिेदनर्ीर फनाने े अऩयाधों अॊतगित फाये भें अऩना अलबभत दे ते है । की कामििाही सभम सभम ऩय की भदहराओॊ क वििाह तथा दहे ज, े भेडीकर कयने िारे र्चककत्सक को जाए। 11. फरात्काय, अऩहयण, इन प्रकयणों क लरमे विर्ेर् रूऩ से े भदहराओॊ को लरए ऩनिास कामिक्रभ ु ि छे ड़छाड़, भदहराओॊ क अनैततक े सभम-सभम ऩय प्रलशक्षऺत ककमा रागू व्माऩाय से सॊफर्धत भा