madhya pradesh sanskriti MARCH 2014 | Page 19
भध्मप्रदे शसॊस्कृतत
द्वितीम प्राथलभकता क्रभ भें यखेगी,
साभदातमक ववकास कामक- मोजना क
े
ु
बायत सयकाय द्िाया ककमा जाता है ।
स्जसभें
क
े
तहत श्रभभरक साभदातमक विकास
ू
ु
आिासों का तनभािण थिमॊ दहतग्राही
प्रािधानों क तहत लसॊचाई सविधा
े
ु
कामि क प्रािधान ककमे गमे हैं। इसक
े
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ग्राभ ऩॊचामत द्िाया उऩरब्ध यालश से
उऩरब्ध
होगा।
तहत जर सॊयऺण एिॊ सॊिधिन, सखा
ू
ककमा जाता है । आिास का कसी ऺेत्र
ु
ऩरयमोजना क लरमे यालश की कोई
े
योकने, िनयोऩण/िऺायोऩण, लसॊचाई
ृ
(कायऩेट ऺेत्र) 20
सीभा
हे तु नहयें , रघु एिॊ भाध्मभ लसॊचाई
आिश्मक है । मोजना क सॊसाधनों का
े
है ।कवऩरधाया मोजना- कृवर् उत्ऩादन
कामि,
60 प्रततशत अनसर्चत जातत औय
ु ू
भें सतनस्श्चतता औय कृर्कों की
ु
तनमॊत्रण/सयऺा, जर जभाि ऺेत्रों भें
ु
अनसर्चत जनजातत, 40
ु ू
आजीविका भें गणात्भक सधाय क
े
ु
ु
जर तनकासी औय फायह भासी सड़कों
साभान्म िगि औय 3
लरमे कवऩरधाया मोजना सॊचालरत
क रूऩ भें ग्राभीण सड़क सम्ऩक क
े
ि े
तन:शततजनों क आिासों क लरए
े
े
की गई है । मोजना क तहत दहतग्राही
े
कामि ककमे जाने का प्रािधान है ।
उऩमोग कयन े का प्रािधान है ।
ऩरयिाय को कृवर् बलभ हे तु लसॊचाई
ू
मोजना भें
सविधा
ु
अनसर्चत
ु ू
कवऩरधाया
कयाना
मोजना
शालभर
फॊधनकायी
नहीॊ
ऩयम्ऩयागत
फाढ
िगिभीटय होना
प्रततशत
प्रततशत का
राब-
इॊददया आिास मोजना भें प्राथलभकता
अनसर्चत
ु ू
भदहरा तथा विकल्ऩ क तौय ऩय
े
कआ-बजर
ॊु
ू
जनजातत, गयीफी ये खा से नीचे क
े
सॊमतत ऩतत-ऩत्नी क नाभ आिास क
े
े
ु
ऩनबियण की व्मिथथा क साथ, खेते
ु
ऩरयिाय, बलभ सधाय क दहतग्राही औय
े
ू
ु
साथ थिच्छ शौचारम औय धआॉ
ु
ताराफ, भैसेनयी चैक डेभ, थटाऩ डेभ,
इॊददया आिास मोजना क अधीन
े
यदहत चूल्हे का तनभािण बी अतनिामि
आय.एभ.एस.
ताराफ
दहतग्रादहमों को थिमॊ की कृवर् बलभ
ू
है । ऩात्र द्रहतग्राही- ग्राभीण ऺेत्रों क
े
तनभािण का प्रािधान है । मोजना क
े
क लरमे लसॊचाई सविधा, फागिानी
े
ु
गयीफी ये खा से नीचे जीिन माऩन
तहत ऐसे दहतग्राही ऩरयिाय का चमन
औय
कयने िारे आिासहीन ऩरयिाय।
ककमा जामेगा, स्जनक थिालभत्ि िारी
े
अर्धकाय। एक वित्तीम िर्ि भें ककसी
द्रहतग्राही चमन प्रकक्रमा- मोजना क
े
कृवर् बलभ भें ऩानी का स्रोत उऩरब्ध
ू
बी अिर्ध भें 100 ददिस का योजगाय
तहत दहतग्रादहमों का चमन ग्राभ
नहीॊ है । दहतग्राही ऩरयिाय का एक
प्राप्त कयने का अर्धकाय। कामि नहीॊ
सबा द्िाया ककमा जामेगा। भतत
ु
सदथम न्मनतभ ऩाॉचिीॊ कऺा ऩास
ू
लभरने
का
फॊधुआ भजदय अजा/अजजा ऩरयिाय,
ू
होना अतनिामि है , ककन्तु सहरयमा,
अर्धकायी। कामिथथर ऩय दघटना
ु ि
मद्ध भें भाये गए सैतनक/अद्िध
ु
फैगा, बारयमा जनजाततमों क लरमे
े
होने ऩय ऺततऩतति का अर्धकायी।
ू
सैतनक
मह भानदण्ड रागू नहीॊ होगा। मोजना
भजदयी नगद लभरने का अर्धकाय।
ू
विकराॊग एिॊ भॊदफद्र्ध व्मस्तत,
ु
से राबास्न्ित होने क लरमे दहतग्राही
े
इॊद्रदया आवास मोजना
एतस सवििस भेन एिॊ अद्िध सैतनक
को ग्राभ ऩॊचामत भें आिेदन दे ना
उद्दे श्म- ग्राभीण ऺेत्र भें गयीफी ये खा
फरों क सेिा तनित्त सदथम, विकास
े
ृ
होगा, इसभें प्रथतावित कामि क
े
से नीचे जीिन माऩन कयने िारे
ऩरयमोजना क विथथावऩत ऩरयिाय
े
आकाय का बी अनभातनत विियण
ु
आिासहीन
प्राकृततक
दे ना होगा। प्राप्त प्रथतािों का ग्राभ
सविधा उऩरब्ध कयिाना।
ु
ऩॊचामत की फैठक भें अनभोदन ककमा
ु
मोजना का
जामेगा, स्जसका जनऩद ऩॊचामत एिॊ
प्रिततित है स्जसभें 75 प्रततशत यालश
सॊऩक- थथानीम
क
स्जरा
बायत सयकाय द्िाया तथा 25 प्रततशत
ऩॊचामत क सयऩॊच औय स्जरा थतय
े
याज्म सयकाय द्िाया उऩरब्ध कयाई
ऩय भख्म कामिऩारन अर्धकायी स्जरा
ु
जाती है । स्जरेिाय यालश का तनधाियण
ऩॊचामत।
मोजना
उऩरब्ध
भें
कयाई
निीन
ऩॊचामत
औय
रघु
जामेगी।
द्िाया अनभोदन
ु
कयामा जाना अतनिामि है ।
बलभ
ू
ऩय
द्रहतग्राही
को
जातत,
विकलसत
कयने
फेयोजगायी
ऩरयिायों
बत्ते
को
स्वरूऩ- मोजना
17
का
आिास
फरों
कीेे
आऩदाओॊ
विधिाओॊ,
जैसे
फाढ,
बकम्ऩ, आग आदद से ऩीडड़