न्यतायतालय कता दर्वताजता खटखिताने कता क््वकलप भरी होगता । इस समय ठोस आंकड़े नहीं होने के कतारण ऐसता नहीं हो पता रहता है ।
इस समय देश में सतामताक्जक, आक्थ्णक और शैक्षणिक रूप से क्पछड़ी जताक्तयों कता एक मात्र आंकड़ा 1931 करी जनगणनता कता है और उसरी
लेक्कन अंग्ेजों ने 1941 में द्वितरीय क््वश्व यतुद्ध के बरीच खर्च कता ह्वतालता देकर 1941 में जताक्त्वतार गणनता नहीं करताई और स्वतंत्तता के बताद 1951 से क््वक्भन्न सरकतारों ने इसे ठंडे बसते में डताल क्दयता ।
1931 के आंकड़ों पर 1991 में ओबरीसरी
समय पर ओबरीसरी जताक्तयतां घोक्षत होतरी रहीं, लेक्कन उन सर्वेषिणों पर भरी स्वताल उठते रहे । 2011 में संप्रग सरकतार ने सतामताक्जक आक्थ्णक जतातरीय जनगणनता जरूररी करताई, लेक्कन इसे मूल जनगणनता से बताहर रखकर सर्वेषिण के रूप में क्कयता गयता । इसके बड़े पैमताने पर अक्नयक्मततता
के आधतार पर देश में क्पछड़ी जताक्तयों करी 52 प्रक्तशत जनसंख्या क्नधता्णरित कर उनके क्लए 27 प्रक्तशत आरषिण कता प्रक््वधतान क्कयता गयता ।
आरषिण करी व्यवस्था पर स्वताल खड़े क्कए गए, लेक्कन अद्यतन आंकड़े जतुिताने करी कोक्शश नहीं हतुई । क््वक्भन्न रताजयों में सर्वे के आधतार पर समय-
होने के कतारण मनमोहन क्संह और नरेन्द्र मोदरी दोनों सरकतारों ने इसे जताररी नहीं करने कता फैसलता क्कयता ।( साभार)
twu 2025 19