July 2024_DA | Page 9

समुदाय पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है ।
उधर राजयसभा में प्रधानमंत्ी मोदी ने कहा कि भारत का संविधान अपने अकसततव के 75वें वर््य में प्रवेश कर रहा है । यह एक विशेर् कसथलत है ्योंकि भारत की संसद भी 75 वर््य पूरे कर रही है , जो इसे एक सुखद संयोग बनाता है । बाबा साहब आंबेडकर द्ािा दिए गए भारत के संविधान की प्रशंसा करते हुए उनहोंने कहा कि जिनके परिवार का कोई सदसय भारत में कभी राजनीतिक
परिवार से जुड़ा नहीं था , उनहें संविधान में निहित अधिकारों के कारण देश की सेवा करने का अवसर मिल रहा है । यह बाबा साहब आंबेडकर का दिया संविधान ही है , जिसने मेरे जैसे लोगों को , जिनका कोई राजनीतिक वंश नहीं है , राजनीति में प्रवेश करने और इस मुकाम तक पहुंचना संभव किया है । प्रधानमंत्ी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का संविधान केवल लेखों का संकलन नहीं है , बकलक इसकी भावना और छाप अतयंत मूलयवान है । प्रधानमंत्ी मोदी ने याद दिलाया कि जब उनकी सरकार ने 26 नवंबर को " संविधान दिवस " के रूप में मनाने का प्रसताव रखा था , तो इसका कड़ा विरोध हुआ था । संविधान दिवस मनाने के उनके फैसले से सकूलों और कलॉलेजों में युवाओं के बीच संविधान की भावना को और अधिक प्रसारित करने , संविधान में कुछ प्रावधानों को ्यों और कैसे शामिल किया गया और कैसे हटाया गया , इस
पर चर्चा और विचार-विमर्श करने में मदद मिली है । उनहोंने उममीद जताई कि संविधान के लवलभन् पहलुओं पर हमारे छात्ों के बीच निबंध , वाद- विवाद और तातकालिक भार्ण जैसी प्रतियोगिताओं के आयोजन से संविधान के प्रति आसथा बढ़ेगी और समझ विकसित होगी । संविधान हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा रहा है । चूंकि संविधान अपने अकसततव के 75वें वर््य में प्रवेश कर रहा है , इसलिए उनकी सरकार ने इसे देशवयापी उतसव सुलनकशचत करने के लिए " जन उतसव " के रूप में मनाने की
योजना बनाई है । साथ ही वह यह सुलनकशचत करने का भी प्रयास करेंगे कि संविधान की भावना और उद्ेशय को लेकर देश के हर कोने में जागरूकता हो । किसान , गरीब , नारीशक्त और युवा के चार सतंभों को मजबूत करने के महतव को रेखांकित करते हुए , प्रधानमंत्ी मोदी ने कहा कि इन क्ेत्ों पर सरकार का धयान भारत के विकास की यात्ा में महतवपूर्ण है । प्रधानमंत्ी मोदी ने विशेर् रूप से कमजोर जनजातीय समूहों ( पीवीटीजी ) के लिए भी कदम उठाए जाने का उललेख किया , जिसके तहत जन मन योजना के लिए 24 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं । उनहोंने भारत के विशवकर्माओं का भी जिक्र किया जिनहोंने भारत की विकास यात्ा में अहम भूमिका निभाई है । उनहोंने बताया कि सरकार ने करीब 13 हजार करोड़ रुपये की मदद से वयावसायिकता पैदा करके और कौशल विकास के लिए संसाधन उपलबध कराकर उनके जीवन
को बदल दिया है । उनहोंने प्रधानमंत्ी सवलनलध योजना का भी जिक्र किया , जिसके तहत रेहड़ी- पटरी वालों को बैंक से ऋण लेने और अपनी आय बढ़ाने में मदद मिली । उनहोंने कहा कि चाहे गरीब हों , दलित हों , पिछड़े समुदाय हों , आदिवासी हों या महिलाएं हों , उनहोंने हमारा पूरा साथ दिया है । प्रधानमंत्ी मोदी ने विपक् के कुछ समूहों द्ािा भ्रषटाचारियों को बचाने की प्रवृलत् पर चिंता वय्त की । विपक्ी दलों के लवलभन् सरकारों द्ािा किए गए लवलभन् घोटालों का उललेख करते हुए प्रधानमंत्ी मोदी ने प्रवर्तन एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप को खारिज कर दिया । उनहोंने भ्रषटाचार के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंडों की भी आलोचना की । प्रधानमंत्ी मोदी ने कहा कि भ्रषटाचार के खिलाफ लड़ाई मेरे लिए चुनावी मुद्ा नहीं है , बकलक यह मेरे लिए एक मिशन है । प्रधानमंत्ी मोदी ने 2014 में अपनी नई सरकार के आगमन के समय गरीबों के प्रति समर्पण और भ्रषटाचार पर कड़ी चोट के दोहरे वादों को याद किया । उनहोंने जोर देकर कहा कि मैंने जांच एजेंसियों को भ्रषटाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूरी छूट दी है । प्रधानमंत्ी मोदी ने विशवास वय्त किया कि जब दुनिया भारत के दरवाजे पर दसतक दे रही है , तो भारत के हर राजय के पास अवसर है । उनहोंने सभी राजयों से भारत की विकास गाथा में योगदान देने और इसका लाभ उठाने का आग्रह किया । उनहोंने कहा कि राजयों के बीच प्रतिसपधा्य से युवाओं को बहुत मदद मिलेगी ्योंकि रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे । उनहोंने राजयों से ऐसी नीतियां और कानून बनाने के लिए भी प्रोतसालहत किया जिनसे नागरिकों के बीच ‘ जीवन की सुगमता ’ बढ़े । उनहोंने पंचायत , नगर पालिका , महानगर पालिका , तहसील या जिला परिर्द सभी सतिों पर भ्रषटाचार के खिलाफ लड़ाई को बढ़ाने की आवशयकता जताई और इस लड़ाई में राजयों से एकजुट होने का आह्ान किया । साथ ही नागरिकों के जीवन में सरकार के हसतक्ेप को कम करने की आवशयकता पर बल दिया , साथ ही जरूरतमंदों को सरकार की ओर से मदद देते रहने पर भी जोर दिया । �
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