Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 64

Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN: 2454-2725
आडम्बर करते देख बहुत दुखी होते थे । यही कारि है मक उनके देहांत के बाद उनके मवचारों को सम्मान देते हुए दोनों बेटों ने न तो के श-त्याग मकया, न िाह्मि भोज और न ही मकसी तरह का मक्रया-कमा या संस्कार मकया गया ।
अफ़सोस भी था मक बदलते दौर में पाटी के नेता और कॉमरेड्स आचार-संमहता को लेकर गंभीर नहीं रह गए हैं ।
कम्युमनसे आन्दोलन के इमतहास में जब भी बद्री बाबू
को याद मकया जाएगा, एक जबरजस्त संगठनकताा के
अपने बच्चों की शादी बद्री बाबू ने जामत-धमा के
रूप में मकया जाएगा । अमवभामजत मबहार में उन्होंने
बन्धनों और सामामजक मान्यताओं से बहुत ऊपर
संगठन मनमााि का काम शुरू मकया । कॉमरेड
उठकर मकया । वे सच्चे अथों में प्रगमतशील मवचार के
जगन्नाथ सरकार की एक मचठ्ठी ने बद्री बाबू के जीवन
साथ जीने वाले व्यमक्त थे, जो जामत और धमा की
की धारा ही मोड़ दी । वे युवावस्था में ही हाई स्कू ल
दीवारों को लांघकर उच्च आदशा स्थामपत करने में
मशक्षक की नौकरी छोड़कर भारतीय कम्युमनस्ट पाटी
यकीन रखते थे । उनकी पुत्री ने जब एक मुमस्लम
के पूरावक्ती कायाकताा( होलटाइमर) बन गए और
कॉमरेड के बेटे से शादी की इच्छा जताई, तब बद्री
कॉमरेड चतुरानन्द ममश्र की मदद करने के मलए
बाबू ने सामामजक बंधनों की तमनक भी परवाह न
( तत्कालीन) मबहार के मगररडीह में माईका मजदूरों के
करते हुए इस शादी को मंजूरी दे दी । इसी तरह उनके
रेड यूमनयन का दामयत्व संभाल मलया । इसके बाद
पुत्र ने भी अनुसूमचत जामत की अपनी सहकमी से
बद्री बाबू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा । आज के
मववाह के मलए जब बद्री बाबू से इजाजत माँगा, तब
झारखण्ड के सुदूर पठारी गाँव हो या कोयलांचल के
उन्होंने मबना दहेज मलए उस शादी की न मसफा इजाजत
दुगाम इलाके, बद्री बाबू ने पैदल चलकर युवाओंऔर
दी बमल्क शादी समारोह रामगढ़ में आयोमजत कर
मजदूरों को प्रेररत करके पाटी संगठन का गठन मकया ।
बहुत अमभमान के साथ पुत्र का आदशा मववाह
हजारीबाग में पाटी की नींव रखने के बाद बद्री बाबू
करवाया । अपने दोनों बेटों की शादी में बद्री बाबू ने
को वहां के मजला मंत्री का कायाभार पाटी ने सौंपा ।
एक रूपया भी दहेज नहीं मलया और न ही कोई
उन्होंने हजारीबाग को कें द्र बनाकर आस-पास के कई
धाममाक मंत्रोच्चारि या कमाकांड हुआ । समाज में भी
मजलों में लाल परचम बहुत शान से लहराया । अनेक
वे मबना मतलक-दहेज की शादी को हमेशा प्रोत्साहन
मजदूरों-मकसानों के आन्दोलन खड़े मकए और उनका
देते थे । बद्री बाबू को इस बात का बहुत अमभमान था
नेतृत्व मकया । इसके बाद पाटी ने उन्हें राज्य के के न्द्रीय
मक वे उस पाटी से जुड़े हैं, जो उच्च आदशों और
नेतृत्व में रहकर काम करने का आदेश मदया और वे
आचार-संमहता का पालन करने वाली इकलौती
पटना बुला मलए गए । वह पाटी की अमवभामजत
राजमनमतक पाटी है । वे कॉमरेड भुवनेश्वर शमाा का
मबहार राज्य पररर्षद, राज्य कायाकाररिी, राज्य
उदाहरि हमेशा देते थे, मजनको मवधायक होने के
समचवमंडल,
राष्ट्रीय
पररर्षद
और
राष्ट्रीय
बावजूद पाटी ने अपने बेटे की शादी में पच्चीस हजार
कायाकाररिी के सदस्य के रूप में उल्लेखनीय भूममका
रुपये दहेज देने की वजह से मनष्ट्कामसत कर मदया था ।
अनवरत मनभाते रहे और मबहार मवधान पररर्षद में दो
बद्री बाबू कम्युमनसे पाटी में आचार-संमहता की
टमा तक भाकपा का प्रमतमनमधत्व मकया । मवधान
लगातार अनदेखी से दुखी थे । वे पाटी के रामष्ट्रय
पररर्षद् में उनकी दमदार उपमस्थमत को इमतहास में याद
पररर्षद् का सदस्य होने के नाते कई बार कॉमरेड्स के
मकया जाएगा । उनके मवधायी जीवन पर एक अलग
मलए पाटी द्वारा तय मकए गए आचार-संमहता के
आलेख में बात करना ही मुनामसब होगा ।
अनुपालन की अमनवायाता का मुद्दा नेशनल काउंमसल
मीमटंग उठा चुके थे, हालाँमक उनको इस बात का
Vol. 3, issue 27-29, July-September 2017.
वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017