Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 46

Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN : 2454-2725
इसका अनुवाद महंदी में आया है तथामप यशपाल मनमाल इस काया के मलए बधाई के पात्र हैं . ये भी एक मवमचत्र बात है मक हर राज्य की अकादममयां होने के बावजूद यशपाल को इस अनुवाद को मनजी प्रयासों से प्रकामशत कराना पड़ा । हालामक ये एकदम अलग मवर्षय है मक भारतीय भार्षाओ के सामहत्य को महंदी में अनुमदत कर महंदी के वृहद पाठको तक कै से पहुँचाया जाए । इस काया के मलए यशपाल मनमाल मनमित ही बधाई के पत्र हैं ।
यमद काव्य के मशल्प और मवधान की चच ा की जाए तो वहाँ भी यशपाल एक कमाठ योद्धा की तरह कहदे मदखाई देते हैं , इस काव्य संग्रह में छंदमय और छंदमुक्त दोनों तरह की काव्य शैली के दशान होते हैं । भार्षा की ्टमसे से भी यशपाल अमभनव प्रयोग करते हैं , डोगरी पंजाबी और महंदी भार्षाओँकी खुशबु को इस पुस्तक में महसूस मकया जा सकता है । काव्य में कमलष्ठता नहीं है , तथामप महंदी का पाठक डोगरी के शब्दों में उलझ सकता है और अथा स्पसे न होने की मस्थमत में काव्य उकी समझ से बाहर होने का अंदेशा भी होता है , लेमकन यह बात कहीं कहीं ही देखने को ममलती हैं अमधकाश जगह जहाँ कहीं इस तरह का प्रयोग हुआ है वहाँ ले के साथ अथा आसानी से स्पसे होता जाता है और पाठक खुद को काव्य से जुड़ा हुआ महसूस करता है , और ये कमव और अनुवादक यशपाल की मवमशसेता भी है ।
बतौर समीक्षक मैं इस तरह के काया की सराहना करता हूँ , अनुवादक यशपाल के इस महान काया के मलए उन्हें बधाई प्रेमर्षत करना भी मैं अपना फजा समझता हूँ और बतौर कमव उन्हें शुभकामना देता हूँ , आशा है भमवष्ट्य में भी वो महंदी पाठको को डोगरी सामहत्य से पररमचत कराते रहेंगे ।
िमीक्षक : िंदीप तोमर स्तक का नाम : घडी
मूल लेखक : मोहन सिंह अनुिादक : यिपाल सनमकल प्रकािक : सनसध पसललके िन , 524-माता रानी दरबार , नरिाल पाई, ं एयर पोिक रोड , ितिारी , जम्मू -180003 mobile-9086118736 प्रकािन िषक : 2015 मूल्य-270 / -
Vol . 3 , issue 27-29 , July-September 2017 . वर्ष 3 , अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017