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भारतीय गणतंत्र की हीरक जयंती
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रतीय गणतंत्र ने 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं । विशव का सबसे बड़ा लोकतंत्र अपनी यात्रा के 75वें वर्ष में पांचवी बड़ी अर्थवयवसरा बन चुका है । लक्य 2047 तक विकसित भारत की अवधारणा को साकार करने का है । लगातार विकास के पथ पर गतिशील भारत का आधार है हमारा संविधान । अंग्ेजों की सत्ा से मुकत होकर 15 अगसत 1947 को सवतंत्रता मिली थी , लेकिन एक गणराजय के रूप में भारत 26 जनवरी 1950 को सामने आया । इसी दिन संविधान के रूप में वह आधार मिला , जिसके चलते आज भारत विशव का नेतृतव करने की क्षमता हासिल कर चुका है । 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूरी तरह से लागू हो गया था और उसके बाद से ही इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ।
संविधान सभा में 26 नवंबर 1949 को देश के संविधान को अंगीकृत , अधिनियमित और आतमालप्षत किया गया था । नागरिकता , निर्वाचन और अंतरिम संसद से संबंधित प्ावधानों के साथ ही असरायी और संक्रमणकारी उपबंधों को इसी दिन से लागू किया गया , जबकि पूरा संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया अर्थात 26 जनवरी 1950 को संविधान में उसके प्ारमभ की तिथि कहा गया । भारतीय गणतंत्र के 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं और इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में विकास की नई गाथा लिखी गई ।
भारत का संविधान करीब 60 देशों के अधययन के बाद तैयार किया गया । संविधान को तैयार करने में दो वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा । संविधान में कई देशों के संविधान में समाहित ततवों को लिया गया है । इसके बाद भी भारतीय संविधान की अपनी अलग महिमा है , जो इसे अनय देशों के संविधान से अलग करती हैं । संविधान सभा के तहत डा . बी . आर . आंबेडकर के नेतृतव में गठित मसौदा या प्ारूप समिति ने बी . एन . राव द्ारा तैयार किए गए मूल मसौदे पर ही विचार किया था और इसके अलग-अलग बिंदुओं का अधययन कर संविधान के अंतिम मसौदे को तैयार कर संविधान सभा के सामने रखा था । संविधान सभा ने इसी मसौदे पर तीन चरणों में विचार कर भारत के संविधान को 26 नवंबर 1949 को सवीकर या अंगीकार किया । जानकर हैरानी होगी कि बी . एन . राव ने संविधान सभा में सारे समय अवैतनिक रूप में काम किया था । 29 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार किया गया तो उस संविधान पर संविधान सभा के 299 सदसयों में 284 सदसयों ने हसताक्षर किए थे ।
भारत संसदीय प्णाली की सरकार वाला एक प्भुतासंपन्न , लोकतंत्रातमक गणराजय है । यह गणराजय भारत के संविधान के अनुसार ही चलता है और
शासन का आधार संविधान ही है । मूल संविधान में एक प्सतावना , 22 भागों में बंटे 395 अनुच्ेि और 8 अनुसूचियां थीं । लेकिन 75 वर्ष के दौरान संविधान में 105 संविधान संशोधन किए गए और अब 8 के सरान पर 12 अनुसूचियां हैं । संविधान के अंतर्गत लोकतांत्रिक वयवसरा संघातमक भी है और एकातमक भी । संविधान में संघातमक संविधान की सभी विशेषताएं मौजूद हैं ।
संविधान में भारतीय गणतंत्र के आदशों को भी सपषट किया गया है । इसके माधयम से भारत को संप्भु , समाजवादी , पंथनिरपेक्ष , लोकतांत्रिक गणराजय बनाया गया । संविधान और शासन के उद्ेशयों को प्सतावना में सपषट किया गया है । इसमें कहा गया है कि सामाजिक , आर्थिक और राजनीतिक नयाय ही भारतीय लोकतंत्र का उद्ेशय है । विचार , अभिवयककत , धर्म , विशवास और उपासना की सवतंत्रता को भारतीय गणतंत्र को बनाने वाले हर नागरिक के लिए सुलनकशचत किया गया है । साथ ही समता और वयककत की गरिमा को महतव देने के साथ ही राषट्र की एकता और अखंडता को भी सुलनकशचत किया है । संविधान देश को एक धर्मनिपरेक्ष राजय बनाता है । तमाम चुनौतियों के बाद भी संविधान देश के आम नागरिकों के साथ-साथ लप्ड़े , दलित , वंचित , आदिवासी एवं अलपसंखयकों को सुरक्षा तथा समानता का अधिकार देता है । संविधान में सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के मौलिक अधिकार दिए गए हैं । इन अधिकारों का उद्ेशय यह है कि हर नागरिक सममान के साथ अपना जीवन जी सके और किसी के साथ किसी आधार पर भेदभाव नहीं हो ।
लेकिन धयान देने योगय तथय यह भी है कि कांग्ेस ने कभी अपनी सत्ा बचाने के लिए तो कभी सत्ा के लिए संविधान की मूल प्सतावना को भी बदल दिया । आपातकाल के दौरान भारतीय संविधान में एकातमक संविधानों के अनुरूप केंद्र को अधिक शककतशाली बनाने के लिए भी प्ावधान किए गए । वर्तमान समय में कांग्ेस के नेता डा . आंबेडकर , संविधान और आरक्षण को लेकर राजनीति करने में जुटे हुए हैं । कांग्ेस सहित अनय भाजपा विरोधी दलों का उद्ेशय संविधान , डा . आंबेडकर या आरक्षण के प्लत प्ेम नहीं , बकलक इसके आधार पर सत्ा हासिल करना है , जिससे उनके अपने सवलहत पूरे हो सके । जनता को यह समझना ही होगा कि संविधान , डा . आंबेडकर और आरक्षण के नाम पर सवारथी नेता बस अपने हितों को पूरा करना चाहते हैंI इसलिए ऐसे दलों और नेताओं से जनता को दूरी बनाकर रखनी होगी । भारतीय गणतंत्र के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देशवासियों को बधाई ।
जय भारत-जय संविधान
tuojh 2025 3