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' दलितों के दर्द को दलगत देखना दुखद '
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धानमंत्री श्री नरेंद्र मोदरी ने अल्पसंख्यकों के संदर्भ में अ्पनरी आंतरिक भावना को व्यकत कक्या है । उनका मानना है कि ' सबका साथ , सबका विकास एवं सबका विशवास ' के आवाहन में कोई छूट न जाए । दलित समाज करी लगभग 35 करोड संख्या है । दलित समाज ररी समग्र विकास का अधिकाररी है । लंबे कालखंड के उ्परांत आज देश में दलित समाज को ररी रोजगार एवं समुचित विकास का समान अवसर प्ापत हुआ है । दलित समाज के लोगों ने ररी इसका ्पूरा लाभ लेते हुए ्पाटटी और ्परं्परागत सोच से अलग हटने का काम कक्या हैं । राजनरीकतक लाभ के लिए स्थापित दूषित मानसिकता को छोड़कर अ्पने वासतकवक हित चिंतक को लोग ्पहचान लिए हैं । उनहें प्धानमंत्री मोदरी जरी में एक सच्ा एवं अ्पना हितैिरी दिखा है ।
आज दलितों के दर्द को दलगत देखना दुर्भाग्य्पूर्ण है । संकुचित राजनरीकतक सोच से संवेदना का दिखावा मात् एक छलावा है । दलित समाज को समान अवसर देना और विकास करी मुख्यधारा में सम्मकित करना एक साहसिक कदम है । आज दलगत राजनरीकत से ऊ्पर उठकर दलित समाज के नेताओं को इस सत्य को स्वीकार करना होगा । ्यहरी उनका साहस होगा । मुझे लगता है कि शरीि्भ सतर ्पर दलित नेतृतव इसे समझ रहा है । आज आवश्यकता है कि दलित समाज को अलग-थलग करने वािरी विचारधाराओं को त्याग कर एकजुटता का ्पररि्य देना चाहिए ।
राष्ट्री्य और अंतरराष्ट्री्य सतर ्पर ईसाई्यत और ईसिाकमक वर्चसव करी लड़ाई में दलित समाज को हरी लक््य कक्या जा रहा है । निर्धनता और अभाव के कारण उनका क्र्य-विक्र्य सरलता से हो रहा है । अंतर्राष्ट्री्य सतर ्पर वैमशवक इसिाकमक संसार के निर्माण का खतरनाक खेल चल रहा है तो साथ हरी विशव के प्त्येक देशों में ररी राष्ट्री्य सतर ्पर अलग-अलग राष्ट्री्य इसिाकमक देश बनाने का ररी व्या्पक प्रयास चल रहा है । ऐसे प्रयास को भारत में ररी सरलता से देखा जा सकता है । इसरी प्कार वैमशवक ईसाई संसार के निर्माण का ररी प्रयास चल रहा है । विशव के लगभग प्त्येक देशों में राष्ट्री्य ईसाई देश के निर्माण का ररी खेल चल रहा है । ऐसे में हिंदुओं का धमाांतरण कर उनहें ईसाई ्या मुसलमान बना्या जा रहा है । अंतरराष्ट्री्य सतर ्पर हो रहे इस खतरनाक प्रयासों में दोनों शक्तियों ने हिंदुओं को एवं विशेष रू्प से दलितों को िकषित कक्या है । हमें ऐसे षड्ंत्ों को ररी विफल करना है । संसार के कल्याण हेतु शांति और ्प्या्भवरण करी सुरषिा ्परम आवश्यक है ।
राष्ट्री्य और अंतरराष्ट्री्य सतर ्पर हो रहे इस खतरनाक खेल में तकनरीकरी और धन का भर्पूर उ्प्योग हो रहा है । धन से दलित नेताओं एवं सामाजिक का्य्भकर्ताओं को खररीदा जा रहा है । तकनरीकरी के माध्यम से समाज में भ्रम का जहर घोला जा रहा है । संविधान को बदलने , दलितों के आरषिर को समापत करने और आ्य्भ तथा द्रविड़ सिधदांत के तहत उत्तर भारत एवं दकषिण भारत के हिनदुओं को अलग-अलग बनाए रखने के लिए झूठरी तथा तथ्यहरीन बातों का व्या्पक प्िार-प्सार हो रहा है । दलित समाज तो राषट्ाकरमान , धर्माभिमान एवं सवाकरमान का प्तरीक है । आज दलित समाज के राष्ट्ाकरमान एवं धर्माभिमान को कलंकित करने का प्रयास हो रहा है । हम एकजुट होकर ऐसे प्रयासों को असफल करेंगे । राष्ट्री्य एवं अंतरराष्ट्री्य सतर ्पर मानवता विरोधरी ऐसरी दानवरी शक्तियों का उत्तर देने में आज दलित समाज सषिम ररी है ।
tuojh 2023 3