बचपन
की छांव
तल
नमकार,
म
ई आ गई है और इसक साथ शु हो गई ह ब की छियां और िकसी क!ल म# नह$ भी
हुई ह तो ज(द ही हो जाएंगी। आपको याद है बचपन म# हम सब मई-जून महीन का िकतनी
बेस2ी से इंतजार करते थे। एसी, क!लर हो या न हो हम# कोई ट4शन नह$ होती थी, होती थी
तो िसफ6 इस बात की खुशी िक अब नानी क घर जाने को िमलेगा। नानी का घर यािन गांव। उस व<त
=यादातर लोग की नानी या दादी क घर गांव म# ही हुआ करते थे और गांव हमारे िलए िकसी ज>त से कम
नह$ होते थे। तेज लू म# भी बाग म# जाकर ड@डA मारकर के आम तोड़ने का जो मजा होता था, उसका आज
भी कोई मुकाबला नह$। शाम को नहर क िकनारे बैठकर
दोत क साथ गDप# मारना, शायद कभी न भूलने वाली याद
ह, लेिकन अब व<त बदल चुका है। अब न तो वैसे गांव
रहे और न ही ब म# गांव को लेकर कोई Eज, पर कFछ
है जो अभी भी नह$ बदला और वह है ब की मती।
आपने भले ही अपने गांव म# वो मती की हो और अब
गांव क वैसे न रहने का मलाल आपक मन म# हो, लेिकन
आप अपने ब को ड@डA मारकर आम तोड़ने का मजा तो
िदलवा ही सकते ह। आप उGह# िदखा सकते ह िक ताज
फल तोड़कर जैम कHसे बनाया जाता है। बचपन म# िजस
सुंदरवन की कहािनयां सुनकर आप बड़A हुए ह आप उGह
वहां घुमाने ले जा सकते ह। Iासहॉपर इस बार अपनी कवर
टोरी म# लेकर आया है, आपक बचपन को एक बार िफर
खुलकर जीने और अपने ब को उनम# शािमल करने क
िठकाने। आप इस टोरी को पढ़4गे तो नए जमाने की कहानी
क साथ आपक बचपन क िकसे यकीनन ताजा हो जाएंगे।
इसम# सुंदरवन क बाघ की कहानी है तो नंदन वन क
भालुL की भी, कFछ ऐसे फामN हाउस ह जहां आप जाकर
खुद फलकर तोड़कर खा सकते ह तो कFछ ऐसे बगीचे जहां ब को ताजे फल से जैम बनाना िसखात
ह। ये आपक और आपक ब क िलए खुलकर मती करने का एक कODलीट पैकज है। अPछी लगी न
आपको हमारी ये टोरी। अभी तो शुQआत है। इस बार क Iासहॉपर म# आपक िलए बहुत कFछ खास है।
ब की मती का इंतजाम तो हो गया अब आप चिलए हमारे साथ देश क कFछ खास समर
फRटव(स म#। देश क अलग-अलग िहस म# कई समर फRटव(स होते ह। जहां आपको बेहतरीन
कायNEम तो देखने को िमल#गे ही आप यहां की लोकपरंपरा और रीित-Sरवाज को भी जान सकTगे। य
फRटव(स अपने Uदेश की संकVित की रWा करते हुए िदख#गे तो िजंदगी जीने का खािलश अंदाज भी
आपको यहां िमलेगा। ऊटी का समर फRटवल हो या िशमला का, नागालड का माओZसु समर फRटवल
हो या िसR<कम का। यहां मौसम भी आपका पूरा साथ देगा और ये जगह भी आपक िदल को भाएंगे।
अब न तो पहले जैस
गांव रहे और न ही
ब म नानी या
दादी क घर जाने या
गांव को लेकर कोई
ज। पर क!छ है जो
अभी भी नह$ बदला
और वह है ब की
म%ती।
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May, 2019