पुरी
पुरी का जग ाथ मंिदर भत की आथा का क है जो
दुिनया भर म िस! है। यह िहदुतान ही नह#, ब%&क
िवदेशी पय*टक की िज-ासा को और बढ़ा देनी वाली जगह
है। जग ाथ मंिदर लगभग 10 एकड़ म फ6ला है, ये एक
चबूतरे पर बना है जो चार ओर से 7 मीटर ऊ<ची दीवार
से िघरा है। इसक चार ओर वेश ?ार ह@ िजसम िसंह?ार
मुAय वेश है। अदर वेश करने पर मुAयम%दर तक
जाने को सीिढ़यां ह@। म%दर ओिडशी शैली म बना ह
िजसम चार भाग - िवमान, जगमोहन, नाEशाला व
गभ*गृह ह@। मुAय म%दर क अलावा यहां िवमला देवी,
नृिसंह, गणेश, सूय* देव सिहत तीन दज*न बड़H छोटH म%दर
बने ह@। म%दर को देखकर ओिडशा की िश&प कला की
पराकाKठा की क&पना की जा सकती है। आप मंिदर क
शीष* पर लगे सुदश*न चN को चाहे िजस कोने से देखग
वह आपको एक जैसा ही िदखेगा। मंिदर क ऊपर लगा
Oवज हवा से उ&टी िदशा म लहराता है। मंिदर क रसोईघर
म भगवान जग ाथ को चढ़ाए जाने वाले साद को बनान
क िलए 500 रसोइए और 300 सहयोगी एकसाथ काम
करते ह@। सारा खाना िमTी क बत*न म पकाया जाता है।
मंिदर क आस-पास क समुी तट और सी-फUVस पय*टक
को काफी पंसद आते ह@। यहां से सनसेट और सनराइज क
मनमोहक नजार को भी देखा जा सकता है।
जमीन क जZरए बंगाल की खाड़ी से अलग होता है। पुरी क
मुAय शहर से करीब 50 िकलोमीटर दूर है िच&का झील
जहां कई छोटH-छोटH ?ीप ह@ जो अपनी ाक[ितक खूबसूरती
क िलए जाने जाते ह@। सिद*य म यह झील क6%पयन सागर,
ईरान, \स और दूर %थत साइबेZरया से आने वाले वासी
पि]य का िनवास थान बन जाती है। ऐसा अनुमान
है िक वासी मौसम म इस झील पर पि]य की 205
जाितयां आती ह@। इस लेक क पास खड़H होकर आप
इसकी खूबसूरती को घंट िनहार सकते ह@।
िचका झील
िच&का झील भारत की पहली और िवXव की दूसरी सबस
बड़ी समुी झील है, िजसकी खूबसूरती देखने क िलए
रोजाना हजार पय*टक लंबा सफर तय करक यहां आत
ह@। ये ओिडशा क 3 िजल पुरी, गंजम और खोड़धा क
बीच फ6ली हुई है। साथ ही इस झील का पानी एक छोटी सी
भीतरकिनका नेशनल पाक
भीतरकिनका नेशनल पाकa मगरमbछ क िलए फमस है।
यहां तक पहुंचने क िलए नदी को पार करना पड़ता है।
नदी क दोन ओर देश का दूसरा सबसे बड़ा मैनcोव का
जंगल बसा है। जहां आपको ढHर मगरमbछ धूप सकत
March, 2019
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