Grasshopper Hidden Treasures | Page 22

कवर टाेरी िहमाचल देश दैनकड की यादगार चढ़ाई िमनी वजरल ड की सैर तो कर ली। अब आपक मन म िकग न कर पाने का मलाल हो तो "यादा दूर जाने की ज&रत नह'। खि)यार तक आ ही गए ह तो यहां से बमु-कल 5 िकलोमीटर दूरी पर है दैनक/ड, जहां पोहलाणी देवी क दश3न करना न भूिलएगा। मंिदर क िलए करीब ड6ढ़ िकलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़6गी। ज;मू-क-मीर क बॉड>र से सरहद िमलने क कारण यह ए?रया संवेदनशील @ेA म आता है। यहां की देखभाल भारतीय सेना क जवान करते ह । यही कारण है यहा चीज काफी Cयवथत ह । टE?रस की सहूिलयत क िलए पFक राते ह । अगल-बगल म खाई होने क चलते इस जगह की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है। किठन चढ़ाई चढ़ते वFत अगर सांसI की रJतार बढ़ जाए तो सुताने क िलए िकनारे बच भी लगी ह । थका देने वाली चढ़ाई क बाद पोहलाणी देवी मंिदर पहुंचना अलग अनुभव है। यहां पहुंचकर लगता है िक आप एवरेट फतेह कर चुक हI। इस जगह से अपनी गद3न को चारI ओर घुमाएंगे तो अलग ही दुिनया का अहसास होगा। यहां सिद3यI क मौसम म बफNबारी क दौरान अलग ही माहौल होता है। ह?रयाली की जगह दूर-दूर तक कवल सफद बफN ही िदखाई देती है। ये ल;हा अपन आप म बेहद यादगार होता है। कसे पहुंच - एंी गेट तक कार या क ब से पहुंचा जा सकता है। उसक बाद पैदल चढ़ाई का ही िवकप है। ऊपर "कने की $यव%था नह' है। होटल क िलए वापस खि*यार या डलहौजी लौटना पड़ता है। 20 g April, 2019