Grasshopper Grasshopper July, 2018 | Page 7

बरसते मौसम म यहां घूमने का मजा ही कछ और है। सैर-सपाट का असली आनंद यही िमलेगा आपको। िव$टो%रया झरने क' कहने ही $या। महारा() क' महाबले*वर, पंचगनी और लवासा भी आपका बांह फ0लाए इंतजार कर रहा है। अगर आपको झरन3 से 4यार हो तो कना5टक चिलए। यहां जॉग फॉ7स क7लाट िगरी फॉ7स, क'8मानगुंडी, मैसूर व क;ेमुख की सैर की जा सकती है। गोवा क' भी कई खूबसूरत िठकाने ह?। और भी बहुत कछ है हमारी कवर @टोरी क खजाने मलेिकन इसक' िलए आपको जुलाई अंक क' पAे तो पलटने ही ह3गे। इस बरसात म घूमने क' िठकाने और भी ह?। दिBण भारत जाने क' दस बहाने ह?। कना5टक तिमलनाडD क'रल व आंEFदेश क' खूबसूरत िठकान3 पर हमने नजर दौडाई है, जहां बरसात क' नजारे िदल को छH लेते ह। यहां क' िहल @टशन3 पर भीषण गमJ म भी मौसम सुहाना रहता है। चार3 तरफ पसरी ह%रयाली और झरन3 का सौKदय5 मन को खूब भाता है। राहुल Fीवा (तव .बंध स9पादक स9पादक क नाम पH ासहॉपर का जून अंक पढ़ा। ‘अनोखी कहािनय की छांव, अनूठ ह िहमाचल क ये गांव’ लेख बहुत पसंद आया। ब' को गांव की सं(क)ित से *-ब-* कराना और .क)ित क करीब घूमने का इससे अ1छा तरीका नह2 हो सकता। -िशवांक गुCता, मुरादाबाद, यूपी ासहॉपर का ज़ायका कॉलम मेरा पसंदीदा कॉलम है। जून अंक म5 आई क789पंग म5 बनाई जा सकने िडशेज बनाने म5 बहुत आसान और (वािद<ट िदख रही थ2। अगर क789पंग का मौका नह2 िमला तो इ@ह5 घर ही बना कर Aाई क*Bगी। -8(मता िसंह, मुज़Dफरपुर, िबहार July, 2018 g 5