बरसते मौसम म यहां घूमने का मजा ही कछ और है। सैर-सपाट का असली आनंद यही िमलेगा आपको। िव$टो%रया
झरने क' कहने ही $या। महारा() क' महाबले*वर, पंचगनी और लवासा भी आपका बांह फ0लाए इंतजार कर रहा है।
अगर आपको झरन3 से 4यार हो तो कना5टक चिलए। यहां जॉग फॉ7स क7लाट िगरी फॉ7स, क'8मानगुंडी, मैसूर व
क;ेमुख की सैर की जा सकती है। गोवा क' भी कई खूबसूरत िठकाने ह?। और भी बहुत कछ है हमारी कवर @टोरी क
खजाने मलेिकन इसक' िलए आपको जुलाई अंक क' पAे तो पलटने ही ह3गे।
इस बरसात म घूमने क' िठकाने और भी ह?। दिBण भारत जाने क' दस बहाने ह?। कना5टक तिमलनाडD क'रल व
आंEFदेश क' खूबसूरत िठकान3 पर हमने नजर दौडाई है, जहां बरसात क' नजारे िदल को छH लेते ह। यहां क' िहल
@टशन3 पर भीषण गमJ म भी मौसम सुहाना रहता है। चार3 तरफ पसरी ह%रयाली और झरन3 का सौKदय5 मन को खूब
भाता है।
राहुल Fीवा (तव
.बंध स9पादक
स9पादक क नाम पH
ासहॉपर का जून अंक पढ़ा। ‘अनोखी कहािनय की छांव,
अनूठ ह िहमाचल क ये गांव’ लेख बहुत पसंद आया। ब'
को गांव की सं(क)ित से *-ब-* कराना और .क)ित क
करीब घूमने का इससे अ1छा तरीका नह2 हो सकता।
-िशवांक गुCता, मुरादाबाद, यूपी
ासहॉपर का ज़ायका कॉलम मेरा पसंदीदा
कॉलम है। जून अंक म5 आई क789पंग म5 बनाई
जा सकने िडशेज बनाने म5 बहुत आसान और
(वािद<ट िदख रही थ2। अगर क789पंग का
मौका नह2 िमला तो इ@ह5 घर ही बना कर
Aाई क*Bगी।
-8(मता िसंह, मुज़Dफरपुर, िबहार
July, 2018
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