चार बूंद छलक ग
जो हरार, यागराज, उैन
व नािसक म िगर। इसी क" बाद से अमृत को ा'त
करने की कामना से हर 12 साल म क()भ और 6
साल म अ-. क()भ लगने लगा। कहा जाता है िक
क()भ म /ान करने पर पु4य की ा5'त होती है।
अ-. क()भ को उ7र देश सरकार ने क()भ का नाम
िदया है और क()भ अब महाक()भ कहलाएगा।
2- दूसरी कथा क" अनुसार एक बार महिष. दुवा.सा
ने देवताओें क" राजा इं= को स> होकर एक माला
दान की। इं= ने इसको अपने हाथी ऐरावत क" म@तक
पर रख िदया। ऐरावत ने माला को उतारकर पैरB से रCद
िदया। िफर Eया था, महिष. दुवा.सा Fोध से लाल हो गए
और इं= को Hाप दे िदया। देवता व दैIय इससे भयाFांत
हो गए। रJा क" िलए अमृत कलश की ा5'त जKरी थी
और यह समु= मंथन से ही संभव था। देवताL व दैIयB
ने िमलकर समु= मंथन िकया। अमृत कलश ा'त हुआ।
नागलोक से इसे लाने क" िलए पJीराज गNड़ को भेजा
गया। वे कलश लेकर लौट रहे थे। वापसी म वे चार @थानB
हरार, यागराज, नािसक और उैन म Nक"। इसी क
बाद से इन @थानB पर 12 वषR म क()भ मेला की परंपरा
शुK हो गई।
3- तीसरी कथा क" अनुसार, जापित कTयप की पिUयB
िवनता ओर क=ू क" बीच एक बार िववाद हो गया। यह तय
हुआ िक जो हारेगा, उसे दासी बनना पड़Vगा। िवनता हार
ग
। हालांिक, उWहBने आXह िकया िक क=ू उनको दासी
न बनाएं। इस पर क=ू ने कहा िक अगर िवनता नागलोक
से लाकर उनको अमृत कलश दे दगी तो उनको दासी नह
बनाया जाएगा। िवनता ने अमृत लाने का काय. अपने पुY
गNड़ को सCपा। जब गNड़ अमृत लेकर लौट रहे थे तो इस
हािसल करने क" िलए इं=देव ने आFमण कर िदया। इस
बीच चार बूंद हरार, यागराज, नािसक व उैन म
िगर जहां पर अमृत ा'त करने क" िलए क()भ मेला लगन
लगा। यह परपंरा सिदयB से कायम है।
क()भ EयB लगता है, यह अब तक आपको समझ म आ
ही गया होगा। माघ म वैसे भी संगम /ान का महIव है।
क()भ म /ान पर पु4य डबल हो जाता है। अब आप
जान लीिजए िक आपको क()भ म Eया-
Eया िमलेगा। अगर यह कहा जाए िक
क()भ मेला दुिनया म बनने वाला
सबसे बड़ा अ@थाई शहर
होगा, तो गलत नह होगा।
मुख /ान पवR पर यहा
की आबादी 5 से 7
करोड़ तक हो जाएगी।
सभी छह /ान पव
िमलाकर देश-दुिनया
से यागराज 22 करोड़
से अिधक लोग आएंगे।
िजस जगह करोड़B लोग
पहुंचगे, वहां आज स
तीन महीने पहले िसफa पानी
था और छह महीने बाद भी
पानी होगा। यािन की दुिनया की
सबसे अिधक आबादी वाला अ@थाई
शहर बनाने क" िलए िसफa चार महीने का ही
समय शासन को िमला है। इतने कम समय म ही तंबुL
का शहर बसा भी िदया जाएगा और माच. क" बाद यह
उजड़ने भी लगेगा। बड़ी संbया ऐसे लोगB की होगी जो
िक धम. म िवTवास रखते हBगे तो लाखB की संbया म
िवदेशी पय.टक भी इस अनूठV अवसर का साJी बनने क
िलए पहुंचगे।
इसी बीच कलश स
अमृत की चार बूंद छलक
ग जो हरार, !यागराज,
उ$ैन व नािसक म िगर)।
इसी क+ बाद से अमृत को
!ा-त करने की कामना स
हर 12 साल म क.भ और
6 साल म अ34 क.भ
लगने लगा।
सब कछ टपरेरी ही होगा
गंगा क" िकनारे बन रही क()भ नगरी वाकई म अनूठी होती
है। गंगा क" मैदान म सब क(छ टdपरेरी बनता है। यहां पर
चकaडe 'लटB से सड़कf बनाई जा रही हg। िबजली स'लाई
क" िलए खंभे व तार लग रहे हg, मोबाइल कने5Eटिवटी
क" िलए टॉवर भी लगाए जा रहे हg। यहां पर बाजार भी
बनगे और Nकने क" िलए 5@वस कॉटVज व तंबू लगगे।
दो दज.न क" आसपास पांटiन पुल भी बन रहे हg जो गंगा
पार करने म H-ालुL क" काम आएंगे। 5@वस कॉटVज को
पांच िसतारा होटल भी कह सकते हg। सभी 13 अखाड़V भी
पूरी मेला अविध क" दौरान यहां रहगे और मकर संFांित,
मौनी अमाव@या व बसंत पंचमी पर शाही /ान करगे।
शासिनक कkप तो बन ही चुक" हg, हर िवभाग क" अपन
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December, 2018