Grasshopper April-May Issue | Page 9

िस,.कम का सफर आपको अ2पाइन की मोटी लकड़ी से ढक6 रोिलंग 7लो8स, बफ$ से ढकी पहािड़य:, फ;ल: से लदी तंग घािटय: और सीधी चढ़ाई वाली चोिटय: से ले जाता हुआ एक अलग, खूबसूरत और शांत दुिनया म ले जाएगा। ‘िहमालय की गोद’ म खूबसूरती भी है और रोमांच भी िहमालय की गोद म बसे िसकम म कित ेिमय क िलए बहुत कछ ख़ास है। निदयां, झील , पहाड़, $तूप, बौ' मठ सब कछ है यहां, फ*ल से भरी हुई घािटयां और बफ2ली वािदयां भी। इसीिलए इसे ‘फ*ल का देश’ और ‘पूव6 का $वटज़रल8ड’ कहा जाता है। िसकम का सफर आपको अ=पाइन की मोटी लकड़ी से ढक रोिलंग $लो?स, बफ@ स ढकी पहािड़य, फ*ल से लदी तंग घािटय और सीधी चढ़ाई वाली चोिटय से ले जाता हुआ एक अलग, खूबसूरत और शांत दुिनया म ले जाएगा। िवEव की तीसरी सबसे ऊGची पव6तचोटी कGचनजंगा (28156 फीट) यहां की सुंदरता म चार चांद लगाती है। सूय6 की सुनहरी िकरण जब इस चोटी पर पड़ती ह8 तो उसकी आभा म हर पहले बदलने वाले इस चोटी क मनमोहक दृEय खूबसूरती की नई इबारत सी िलखते ह8। कहां-कहां घूम वैसे तो पूरा िसकम ही घूमने लायक है लेिकन यहा क कछ इलाक ऐसे ह8 जहां जाए िबना आपकी याSा पूरी नहT होगी। गंगटोक गंगटोक िसकम की राजधानी है। रानीपूल नदी क पEचम की ओर बसा ये शहर खूबसूरती की िमसाल है। दूर से िदखती कGचनजंघा की चोटी आपको अपनी ओर खTचती सी लगेगी, तो यहां क पुराने मंिदर, महल और मठ सपन की दुिनया म लेकर जाएंगे। यहां देखने लायक कई $थान ह8 जैसे, गणेश टोक, हनुमान टोक तथा तािश Wयू ?वाइंट। अगर आप गंगटोक घूमने का पूरा लुXत उठाना चाहते ह8 तो इस शहर को पैदल घूम । यहां से कGचनजंघा नजारा बहुत ही आकष6क तीत होता है। इसे देखने पर ऐसा लगता है मानो यह पव6त आकाश से सटा हुआ है तथा हर पल अपना रंग बदल रहा है। सोमगो झील गंगटोक से 40 िकलोमीटर की दूरी पर यह झील $थत है। चार तरफ से बफ2ली पहािड़य से िघरी हुई ये झील एक िकलोमीटर लंबी और 50 फीट गहरी है। यह अैल महीने म पूरी तरह बफ@ म त\दील हो जाता है। सुर]ा कारण से इस झील को एक घंट^ से अिधक देर तक नहT घूमा जा सकता है। दुल6भ िक$म क फ*ल यहां देखे जा सकते ह8। इनम बसंती गुलाब, आइ_रस और नीले-पीले पो$त शािमल ह8। जाड़^ क समय म इस झील म वास क िलए बहुत से िवदेशी प]ी आते ह8। इस झील से आगे कवल एक सड़क जाती है। यही सड़क आग नाथूला दरa तक जाती है। मठ का िशखर सोने का बना हुआ है। इस मठ म 108 ाथ6ना चe है। इस मठ म गुf _रमपोचे की दो ितमाएं $थािपत है। इनह ची मठ इनह ची का शा\दक अथ6 होता है िनज6न। 200 साल पहल जब इस मठ का िनमा6ण हो रहा था, उस समय इस पूरे ]ेS म िसफ@ यही एक भवन था। जनवरी महीने म इस मठ म एक िवशेष नृgय का आयोजन होता है, िजसे चाम कहते ह8। इस मठ का मुhय आकष6ण जनवरी महीने म यहां होने वाला िवशेष नृgय है। यह मठ iुपटोब कारपो को समिप6त है। कारपो को जादुई शत क िलए याद िकया जाता है। ऑिक$ड अभयार'य इस अjयारkय म िसकम म पाए जाने वाले 454 िक$म क ऑिक@ड को रखा गया है। अगर आपको फ*ल से ?यार है तो यह जगह आपको बेहद पसंद आएगी। टािशिलंग मटक मठ bमट^क मठ, गंगटोक से 24 िकलोमीटर दूर है। ऐसा कहत ह8 िक अगर bमट^क नहT घूमे तो गंगटोक का सफर पूरा नहT होगा। 300 साल पुराने इस मठ को िसकम का सबसे पुराना मठ माना जाता है। इस मठ म बहुमू=य थंगा प िटग तथा बौ' धम6 क कdयूपा संदाय से संबंिधत व$तुएं सुरि]त अव$था म है। दो ूल चोटन यह $तूप गंगटोक क सबसे खूबसूरत $तूप म से है। इस गंगटोक से 6 िकलोमीटर दूर $थित टिशिलंग से कGचनजंघा बहुत खूबसूरत िदखती है। यह मठ मुhय bप से एक पिवS बm6न बूमचू’ क िलए िस' है। कहा जाता है िक इस बm6न म पिवS जल रखा हुआ है। यह जल 300 वषn स े इसम रखा हुआ है और अभी तक नहT सूखा है। नाथुला दरा नाथु-ला दरा6 14,200 फीट की ऊGचाई पर, भारत-चीन सीमा पर $थत है। यह दरा6 िसकम को चीन क ित\बत $वशासी ]ेS से जोड़ता है। िबना परिमट क पय6टक इस जगह April-May, 2018 g 7