Grasshopper April-May Issue | Page 2

“ “ मेरी समझ म दुिनया की सवेठ वतु है घुमकड़ी। घुमकड़ से बढ़ कर यत और समाज का कोई भी िहतकारी नह& हो सकता -राहुल सांक)*यायन