संपादकीय
परिवारकें द्रित कांग्रेस और अराजकता की राजनीति
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ग्रेस के परिवारकेंद्रित नरेता एवं उनके नायक राहुल गांधी दरेश में अराजकतावादी राजनीद्त के प्रतीक बनतरे जा रहरे हैं । संसद सरे लरेकर सड़क तक कांग्रेस के पास न तो जनता सरे जुड़ा कोई सार्थक मुद्ा है और न ही उनकी पास कोई राष्ट्रवादी सोच है । यही कारण है द्क कांग्रेस के नरेता ऐसरे द्निर्थक एवं अर्थहीन मुद्दों को उठाकर जनता को भड़कानरे की कोद्शश कर रहरे हैं , द्जनका आम जनमानस सरे कोई सरोकार नहीं है । बाबा साहब डा . भीमराव आंबरेडकर और संद्वधान की आड़ लरेकर द्जस तरह के बयान कांग्रेस के नरेता दरे रहरे हैं , उसका एक मात्र उद्देशय अनुसूद्चत जाद्त , अनुसूद्चत जनजाद्त एवं अनय द्पछड़ा वर्ग की जनता को भड़का कर ऐसी द्वपरीत परिस्थितियदों को उतपन्न करना है , द्जससरे दरेश में अराजकता का माहौल बनरे और उस माहौल को भुनाकर कांग्रेस द्कसी भी तरह सत्ा को हाद्सल करके अपनरे क्ुरि द्हतदों एवं ्वारथों को पूरा कर सके । इसकी स्पष्ट रूप सरे पुसष््ट महू में हुई कांग्रेस की जय बापू-जय भीम-जय भारत रैली में कांग्रेस नरेताओं के बयान करतरे हैं । इतना ही नहीं , कांग्रेस के नरेता एक वर्ग द्वशरेष का पूर्ण समर्थन हाद्सल करनरे के द्लए अब खुल कर द्हनदू धर्मावलम्बयदों पर द्नशाना साधनरे लगरे हैं । कांग्रेस नरेताओं द्ािा कु्भ को लरेकर की जानरे वाली द््टप्पणियां इसी रणनीद्त का हिस्सा कही जा सकती हैं ।
वैसरे कांग्रेस और उनके नरेताओं के द्लए यह कोई नया खरेल नहीं है । बां्टो और राज करो वाली राजनीद्त कांग्रेस का चरित्र रहा है और इसमें वापमंथी एवं अनय कांग्रेस सहयोद्गयदों की स्पष्ट संद्लपतता रही है । जाद्त जनगणना की मांग के पीछे भी कांग्रेस और उसके सहयोद्गयदों की यही सोच काम कर रही है । वषथों सरे एक षड्ंत्र के रूप में द्हनदू समाज को बां्टकर , उसका उपयोग सत्ा हद्रयानरे के द्लए कांग्रेस नरे द्जस तरह वषथों तक द्कया , वह द्कसी सरे द्छपा नहीं है । वैसरे भी दरेश में द्वद्भन्न जाद्त आधारित संगठनदों के नरेताओं का लक्य अपनी जाद्त का स्पूण्थ द्वकास और कलयाण कभी नहीं रहा और वह केवल कांग्रेस की कठपुतली बनकर सत्ा की मलाई चा्टतरे हुए बस स्वहित में ही लगरे रहरे । यही कारण है द्क दद्लतदों और जाद्तगत द्हतदों के द्लए जो नरेता सामनरे आए , वह अपनरे समाज का स्पूण्थ द्वकास करनरे में असफल द्सद्ध हुए ।
कांग्रेस की जाद्त एवं द्हनदू द्विोधी रणनीद्त में धर्म एवं संस्कृद्त के द्विोधी वामदलदों को प्रबल समर्थक के रूप में दरेखा जा सकता
है । दद्लतदों के उतरान के नाम पर राजनीद्तक दलदों नरे दद्लतदों का इस कदर शोषण द्कया द्क वह आज भी अपनरे अद्धकािदों के द्लए लड़ रहरे हैं , पर उनके अद्धकार आज भी उनहें पूरी तरह नहीं द्मल सके हैं । इसद्लए कांग्रेस नरेता राहुल गांधी को अपनरे परिवार के इद्तहास के बािरे में जानकारी जु्टानी चाद्हए । दरेश के राष्ट्रवादी नरेताओं के द्वरुद्ध द्निर्थक और द्नंदनीय द््टपपणी करके वह एक द्वशरेष वर्ग को यह सन्देश दरेतरे रहतरे हैं द्क कांग्रेस ही उनके द्हतदों की सुरक्ा कर सकती है ।
संद्वधान को अपनरे जरेब में रख कर घूमनरे वालरे कांग्रेस नरेता यह कभी नहीं समझ सकतरे द्क डा . भीमराव आंबरेडकर का पूरा संघर्ष द्हंदू समाज ओर राष्ट्र के सशकतीकरण के द्लए ही था । डा . आंबरेडकर के द्चनतन और दृसष््ट को समझनरे के द्लए यह धयान रखना जरूरी है द्क वह अपनरे द्चनतन में कहीं भी दुराग्ही नहीं है । उनके द्चनतन में जड़ता नहीं है । उनका दर्शन समाज को गद्तमान बनाए रखनरे का है । दद्लतदों को सशकत करनरे और उनहें द्शद्क्त करनरे का उनका अद्भयान एक तरह सरे द्हंदू समाज ओर राष्ट्र को सशकत करनरे का अद्भयान था । उनके द्ािा उठाए गए सवाल द्जतनरे उस समय प्रासंद्गक ररे , आज भी उतनरे ही प्रासंद्गक है द्क अगर समाज का एक बड़ा हिस्सा शसकतहीन , अद्शद्क्त और द्वकास प्रक्रिया सरे दूर रहरेगा तो द्हंदू समाज और राष्ट्र कैसरे सशकत हो सकता है ?
डा . आंबरेडकर का सपना भारत को महान , सशकत और ्वावलंबी बनानरे का था । उनकी दृसष््ट में प्रजातंत्र वयव्रा सववोतम वयव्रा है , द्जसमें एक मानव-एक मूलय का द्वचार है । सामाद्जक वयव्रा में प्रत्येक वयसकत का अपना-अपना योगदान है , पर राजनीद्तक दृसष््ट सरे यह योगदान तभी संभव है , जब समाज और द्वचार दोनदों प्रजातांद्त्रक हदों । इसके द्वपरीत कांग्रेस और उनके सहयोगी आज दद्लतदों एवं वंद्चतदों को दरेश में अवयव्रा उतपन्न करनरे के द्लए प्रयोग करना चाहती है । इसद्लए दद्लतदों , वंद्चतदों एवं आद्दवासी समाज के लोगदों को भड़काकर कांग्रेस अपनरे ्वारथों को पूरा करनरे की पुरजोर कोद्शश कर रही है । यह बात दद्लतदों , द्पछड़दों , आद्दवाद्सयदों एवं आम जनता को समझनी ही होगी अनयरा अराजकता की राजनीद्त सरे दरेश और समाज दोनदों की द्जस तरह क्षति होगी , उसके परिणाम सभी को भुगतनरे हदोंगरे ।
iQjojh 2025 3