Feb 2024_DA-1 | Page 3

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गारंटी मोदी की

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पने नहीं हकीकत है बुनते , तभी तो सब मोदी को है चुनते ' एक विज्ञापन के यह शबद प्रधञानमंत्ी नरेंद्र मोदी की कञाय्य प्रवरियञा के विविध आयञाम सभी के सञामने रखते हैं । यह शबद बतञाते हैं कि देश की जनतञा , विशेषरूप से गरीब , दलित , पिछड़े , वनिञासी एवं वंचित वर्ग के लोगों के लिए 2014 में मोदी सरकञार एक नई आशञा के रूप में सञामने आई और आज लगभग दस वर्ष के कञाय्यकञाि के दौरञान जनतञा की उममीदों पर शत-प्रतिशत रूप से खरी उतरी है । यह भी एक सच है कि अब तक के कञाय्यकञाि में प्रधञानमंत्ी मोदी की हर नीति , हर कञाय्यरिम और हर योजनञा ने गरीब , दलित , पिछड़े , वनिञासी एवं वंचित वर्ग के लोगों के जीवन में जिस तरह कञा बदिञाि िञायञा है , वैसे बदिञाि की कलपनञा सितंत्तञा मिलने के बञाद किसी ने भी नहीं की थी और बदिञाि की प्रवरियञा को जञारी रखनञा है ' मोदी की गञारंटी ' बन चुकञा है ।
सितंत्तञा के बञाद देश की सत्ता कञांग्ेस को मिली थी और तत्कालीन समय में यह अपेक्षा की जञा रही थी कि कञांग्ेस आम जनतञा से जुडी समस्यायों कञा समञाधञान पूरे मनोयोग से करेगी , पर ऐसञा हुआ क्या ? इस प्रश्न कञा उत्र गरीब , दलित , पिछड़े , वनिञासी एवं वंचित वर्ग की जनतञा 2014 तक ढूंढती रही । इतिहञास बतञातञा है कि सितंत्तञा के बञाद देश की सत्ता चिञाने की जिममेदञारी जिञाहरिञाि नेहरू ने ली । पर नेहरू को जिस समय सत्ता मिली , उस समय उनके मन-मष्तक में पश्चमी देशों पर आधञारित एवं उनहीं की तरह देश को बनञाने की मञानसिकतञा थी । कञांग्ेस नेतञा के रूप में उनहोंने गरीब , दलित , पिछड़े , वनिञासी एवं वंचित वर्ग की सभी समस्याओं कञा समञाधञान करने कञा दञािञा कियञा और उनकञा उपयोग वोट लेने के लिए करते रहे । बञाद में यही रणनीति इंदिरञा गञांधी , रञाजीव गञांधी सहित कञांग्ेस और विपक् के नेतञाओं ने भी अपनञाई । कञांग्ेस , िञामपंथियों और मुषसिमों की चुनञािी और सत्ता समबनधी रणनीति पर अगर ध्यान दियञा जञाए तो कहनञा अनुचित नहीं होगञा कि िषषों से एक षड्ंत् के तहत देश की हिनदू जनतञा को बञांटञा गयञा और उसकञा उपयोग सत्ता हथियञाने के लिए कियञा जञातञा रहञा । परिणञामसिरुप देश के हर रञाजय में यञानी उत्र से दवक्ण तक और पूरब से पश्चम रञाजयों तक जञावतगत मसीहञा बनकर सत्ता कञा सुख लेने िञािे अयोगय रञाजनेतञा , रञाजनीतिक दल एवं संघठन कञा एक ऐसञा जमञािड़ञा लग गयञा , जिसने देश और जनतञा को निरञाशञा ही मिली । सत्ता में अपने मुषसिम , िञामपंथी और जञावतगत आधञार पर रञाजनीति में
पैर ज़मञाने िञािे नेतञाओं के सहञारे कञांग्ेस ने केवल सत्ता कञा सुख नहीं भोगञा , बषलक जनहितों के नञाम पर देश की जनतञा के संसञाधनों की निर्लज्जतञापूर्ण ढंग से जमकर लूटने में कसर नहीं छोड़ी । यह भी सच है कि सितंत्तञा के बञाद आरक्ण तो मिल गयञा पर आरक्ण भी दलितों एवं वंचित वर्ग की षसथवत को सुधञारने में पूरी तरह कञारगर नहीं सिद्ध हो पञायञा । शिक्षा और अवसरों की कमी ने दलित-वंचित समञाज को रञाजनीतिक दलों के हञाथ की कठपुतली बनञा कर रख दियञा । दलितों के हञािञात सुधञारने के लिए एक नञारञा दियञा गयञा थञा - ' गरीबी हटञाओ '। िषषों तक इस नञारे कञा बहुत ही खूबसूरती के सञाथ प्रयोग तो कियञा गयञा पर न तो गरीबी हट पञाई और न ही दलितों-वंचितों कञा कोई कल्याण हुआ । हर कञािी रञात के बञाद आने िञािी सुबह अपने सञाथ नई किरण और नई रोशनी लेकर आती है और ऐसञा ही 2014 में हुआ । केंद्र में 2014 में प्रधञानमंत्ी नरेंद्र मोदी के नेतृति में पहली बञार भञाजपञा ने जब पूर्ण बहुमत से सरकञार बनञाई तो यह परञावजत , हतञाश , निरञाश एवं हञार से छटपटञाते कञांग्ेस , िञामपंथियों एवं अनय भञाजपञा विरोधी दलों के सीने पर सञांप लोट गयञा । सितंत्तञा के उपरञांत ऐसञा पहली बञार हुआ , जब कञांग्ेस विरोधी पार्टी ने केंद्र में अपनी दम पर सरकञार बनञाने में सफलतञा हञावसि की । प्रधञानमंत्ी मोदी की जीत के बञाद देश की रञाजनीति में पहली बञार जञावत , वंश , तुष्टकरण , साम्प्रदञावयकतञा , भ्रष्टाचञार जैसी िषषों पुरञानी बीमञारियों कञा अंत होनञा शुरू हो गयञा और देश की रञाजनीति में एक ऐसे मुद्े कञा जनम हुआ , जिस पर सितंत्तञा के बञाद से भञाजपञा विरोधी पञावटटियञां बञात करने से हमेशञा कतरञाती रही थी । विकञास के रूप में सञामने आए नए मुद्े को देश की जनतञा ने सर्वसममवत से सिीकञार कियञा और उन नेतञाओं को किनञारे करनञा शुरू कर दियञा , जिनके लिए विकञास कोई मुद्दा कभी थञा ही नहीं । सितंत् भञारत में पहली बञार विकञास के मुद्े पर जनतञा से मिले अपञार समर्थन कञा परिणञाम प्रधञानमंत्ी मोदी की नीतियों में दिखने लगञा तो आम जनतञा ने इसकी सरञाहनञा की । कञांग्ेस की ‘ ध्ुिीकरण , ‘ यूज एंड थ्ो ’ और ' सिकेषनद्रत ' रञाजनीति को जिस तरह से नरेंद्र मोदी की ' विकञासिञादी रञाजनीति ' ने आइनञा दिखञायञा है , उसी कञा परिणञाम यह है कि भञारतीय रञाजनीति के इतिहञास में नरेंद्र मोदी " विकञासिञाद " के नए प्रवर्तक के रूप में स्थापित हो चुके हैं । विकञास के मुद्े पर उन तक पहुंचनञा अब हर नेतञा के बस की बञात नहीं रह गई है और मोदी की गञारंटी जनतञा के लिए विकञास कञा नयञा मञानक बन चुकी है ।
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