के मुखय संरक्क इंद्ररेश कुमार नरे बडी तादाद में दलितों , आलद्वासियों को साथि िरेकर मंदिर में प््वरेश किया । दलित समाज की महिलाओं नरे कॉरिडोर दरेखकर प्िानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना आशी्वा्षद दिया और कहा कि मोदी जी नरे इतना सुंदर मन्दिर बन्वा दिया , उनकी उम्र बहुत लंबी हो , ्वो सदा खुश रहें । दलित समाज इस मंदिर निर्माण के लिए प्िानमंत्री का ऋणी रहरेगा ।
दलित — आदिवास़ी अक्भभूत
इस अ्वसर पर इन्द्ररेश कुमार नरे कहा कि सामाजिक समरसता और समानता की क्ांलत की शुरु्वात हो चुकी है । अब गां्व-गां्व सरे चलो ल्व््वनाथि दरबार का
नारा गूंजरेगा और दलित , जनजातीय समाज अयोधया , काशी और मथिुरा की ओर दर्शन पूजन करनरे को निकिरेगा और संस्कृति को दुनिया में प्सारित कररेगा । मंदिर में दर्शन करानरे के साथि-साथि मां गंगा का जल पिलाकर इन्द्ररेश कुमार नरे दलित समाज की महिलाओं की बाबा ल्व््वनाथि सरे रिश्तेदारी पककी की । दर्शन के दौरान महिलाएं ॐ नमः लश्वाय का जाप करतरे चल रही थिीं । इस मौके पर दलित और आलद्वासी समाज की महिलाओं और पुरुषों नरे अल्वभूत होकर कहा कि अब भग्वान सरे यरे रर्ता नहीं टूट़ेगा । उन्होंनरे कहा कि मंदिर जाकर लगा कि हमारा धर्म कितना महान है ।
अल्पसंख्यक समाज भ़ी साथ
आजाद भारत की पहली घटना है , जब इतनी बड़ी संखया में पहली बार दलित , आलद्वासी ही नहीं बल्क अ्पसंखयक समाज की महिलाओं नरे भी इन्द्ररेश कुमार के नरेतृत्व में बाबा ल्व््वनाथि मंदिर में प््वरेश किया । काशी के धर्माचार्य महंत अ्वि किशोर दास जी नरे काशी के संतों का प्लतलनलित्व किया । दलित समाज की महिलाओं का नरेतृत्व लक्मीना दरे्वी नरे और मुसहर समाज का नरेतृत्व किशन बन्वासी नरे किया । अ्पसंखयक समाज का नरेतृत्व नाजनीन अंसारी नरे किया । भिरे ही भारत के संल्विान नरे दलित समुदाय के मंदिर में प््वरेश की आज़ादी दी हो िरेलकन कोई न उनको प्रेरित कर पाया और न ही उनका संकोच खतम कर पाया । रामपंथि और ल्वशाल भारत संस्थान के संयुकत तत्वाधान में भारत के इतिहास में समानता , बंधुत्व और प्रेम की क्ांलत बाबा ल्व््वनाथि कॉरिडोर सरे निकल कर पूरी दुनियां में गई , यह आज इतिहास में दर्ज हो गया ।
बाबा से मिलने आए 51 महिला-पुरुष मुसहर , धरकार के साथि अन्य दलित
जातियों की महिलाओं नरे पहली बार ल्व््वनाथि
मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसरे्वक संघ के शीर्ष नरेता इन्द्ररेश कुमार और रामपंथि के पंथिाचार्य डॉ . राजी्व श्ीगुरुजी के साथि प््वरेश किया । दलित बसती , मुसहर बसती में 15 दिन सरे महिलाएं दर्शन की तैयारी कर रही थिीं । काशी के आस-पास के जिलों सरे भी आया दलित परर्वार उतसालहत थिा । बाबा सरे मिलनरे के लिए 51 महिला-पुरुषों नरे जब सुभाष भ्वन सरे हर हर महादरे्व और जय सियाराम का उदघोष करतरे हुए कूच किया तो नजारा दरेखनरे लायक थिा । अपनरे भग्वान सरे मिलनरे की खुशी की लहर जो चरेहररे पर थिी , ्वह सैकड़ों वर्षों बाद दिखी ।
दूर हुई अनुसूचितों की हिचक
एक महिला श्द्धािु नरे कहा कि मन्दिर में जाना मना तो नहीं थिा , िरेलकन समाज को कोई मंदिर िरे जानरे ्वाला भी नहीं थिा । संकोच में कि पता नहीं कोई कया कह दरे , मन्दिर ही नहीं जा पाए । अपनरे ल्व््वनाथि सरे मिल नही पाई , जबसरे कॉरिडोर की चर्चा सुनी थिी , मन में यरे तो थिा कि कोई ल्व््वनाथि मंदिर िरे जाता तो अचछा होता । समाज सुधारक इन्द्ररेश को जब यह बात पता चली तो उन्होंनरे ल्वशाल भारत संस्थान और रामपंथि के पदाधिकारियों सरे अनुसूचित समाज को दर्शन पूजन करानरे को कहा ।
भाव — विभोर हो गए श्रद्ािु
मुसहर समाज के लोगों के लिए यह अद्भुत क्र थिा , जब दर्शन करके दलित समाज के लोग बाहर निकिरे तो जौनपुर के किशन बन्वासी रो पड़े । किशन नरे कहा कि मुसहर समाज को अब तक बाबा सरे कयों दूर रखा गया । आज हम धन्य हो गए , हमारा मुसहर समाज इन्द्ररेश कुमार और डॉ . राजी्व गुरुजी का सदा ऋणी रहरेगा । ल्वशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अधयक् ए्वं रामपंथि के पंथिाचार्य डॉ . राजी्व श्ीगुरुजी नरे कहा कि इतिहास में समानता और समरसता के साथि दलित समुदाय को सनातन धर्म रक्क के रूप में इस घटना को याद किया जाएगा ।
ebZ 2022 13