eMag_May 2021_Dalit Andolan | Page 3

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प . बंगाल की राजनीति में सत्ा प्ायोजित हि ंसा

में पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य है , जहां लोकताशत्रिक प्रक्रि्या के तहत होने वाले आम चिुनाव भारत

के बाद चिुनावी क्हंसा का होना एक ऐक्तहाक्सक परंपरा का रूप ले चिुका है । दशकों तक वामपंथी शासन के का्य्यकाल से लेकर , तृणमूल कांग्ेस को क्वधानसभा चिुनाव में क्मली तीसरी क्वज्य के बाद राज्य में जारी क्हंसा का तांडव उसी परंपरा का एक अंग कहा जा सकता है । पांचि राज्यों के चिुनाव परिणाम आने के बाद प . बंगाल में तृणमूल कांग्ेस के नेताओं और का्य्यकर्ताओं द्ारा प्रा्योक्जत क्हंसा में भाजपा के कई का्य्यकर्ताओं को जान से हाथ धोना पड़ा । बुरी तरह घा्यल होकर असपताल पहुंचिने वाले का्य्यकर्ता क्हंसा के तांडव को स्वयं उजागर कर रहे हैं । स्थिति ्यह है क्क क्हंसा पीक्ड़त लोगों की पुक्लस ्या तो मदद करना नहीं चिाहती ्या क्िर ऐसा करने में असहा्य क्सद्ध हो रही है । स्वयं अपना चिुनाव हारने के बावजूद तृणमूल नेता ममता बनजजी के नेतृतव में प्रा्योक्जत क्हंसा का एक खतरनाक पहलू ्यह भी है क्क क्हंसा और उतपात के सक्रि्य अक्धकांश ततव अलपसंख्यक समुदा्य के हैं , जो चिुनाव की आड़ में क्हत्दुओं को क्नशाना बना रहे हैं ।
ग्ामीण क्ेरिों में अवैध रोक्हग्या एवं बांगलादेशी शरणाक्थ्य्यों के साथ मुशसलम समुदा्य द्ारा फैलाई जा रही सुक्न्योक्जत क्हंसा का क्शकार वह दक्लत और वनवासी जनता हो रही है , जो भाजपा के समर्थक है । चिुनावी क्हंसा की आड़ में दक्लतों के क्वरुद्ध भड़का्यी जा रही क्हंसा का मकसद क्कसी भी तरह भाजपा के जनाधार को नष्ट करना है । क्हंसा का क्शकार होने वाले दक्लत एवं वनवासी समाज के हजारों लोग अत््य पडोसी राज्य में जाकर अपनी जान बचिाने के क्लए मजबूर हो गए हैं । राज्य में सुक्न्योक्जत रूप से फैलाई जा रही क्हंसा को तृणमूल कांग्ेस के कुछ नेता सही ठहराने में लगे हुए हैं और उनके समर्थन में मीक्ड्या से लेकर पूरा सेक्युलर क्गरोह भी उठा खड़ा हुआ है । मीक्ड्या के एक क्हससे को बंगाल में राजनीक्तक और सांप्रदाक््यक क्हंसा कभी नजर ही नहीं आई ।
क्िलहाल राज्य में राजनीक्तक क्हंसा को रोकने में कोई क्दलचिसपी तृणमूल नेताओं में क्दखाई नहीं देती है । ऐसे में भाजपा को अपने सथानी्य
नेताओं और का्य्यकर्ताओं की सुरक्ा के प्रक्त गंभीरता से क्वचिार करके ठोस कदम उठाने होंगे । कांग्ेस और वामपंथी दलों से जनता को कोई उममीद नहीं बचिी है । साथ ही जनता ्यह भी देख रही है क्क कांग्ेस और वामपंथी स्वयं अपने नेताओं और का्य्यकर्ताओं को तृणमूल की क्हंसा का क्शकार होने से नहीं बचिा पा रहे हैं । ऐसे में भाजपा नेताओं , का्य्यकर्ताओं के साथ ही आम जनता की क्नगाह भी भाजपा के शीर्ष नेतृतव पर क््टकी हुई है । राज्य चिुनाव में 77 क्वधानसभा सी्ट पर क्वज्य हाक्सल करके भाजपा मुख्य क्वपक्ी दल बन ग्यीI राज्य में अपनी दमदार उपस्थिति के बावजूद सत्ा प्रा्योक्जत क्हंसा बड़ी क्चिंता का क्वर्य बन ग्या है । ऐसे में कोई कठोर क्नण्य्य ही राज्य को तबाह होने से बचिा सकता है ।
प . बंगाल में भाजपा ने उललेखनी्य सफलता तो हाक्सल की , पर पार्टी का जो लक््य था , वह इस चिुनाव में पूरा नहीं हो सका । इसके बावजूद स्वयं ममता का पराक्जत होना , ्यह दर्शाता है क्क सोनार बांगला को जो सवप्न भाजपा ने देखा है , वह अवश्य पूरा ही होगा । उधर असम में पुनः सरकार बनाने का जनादेश देकर जनता ने प्रधानमंरिी नरेंद्र मोदी की क्वकासवादी राजनीक्त पर विश्वास व्यकत क्क्या है । उत्र-पूर्व में केंद्र से लेकर राज्य की भाजपा सरकार क्जस तरह से का्य्य कर रही है , उससे आम जनजीवन सहज और सरल हुआ है । क्वकास की क्वक्भन्न ्योजनाओं के सफल क्रि्यात्व्यन का असर जमीनी सतर पर क्दखने लगा है । पांचि राज्यों के चिुनाव में पार्टी को एक बड़ी क्वज्य केंद्र शाक्सत प्रदेश पुंडुचिेरी में हाक्सल हुई है । ्यहां पर पार्टी को पहली बार सरकार गठन को अवसर प्रापत हुआ है । कांग्ेस की परंपरागत भ्रष्ट राजनीक्त से रिसत जनता ने भाजपा के प्रक्त अपना भरोसा चिुनाव में दशा्य्या है , उस भरोसे को बरक़रार रखना पार्टी का दाक््यतव होगा । पुडुचिेरी में क्मली क्वज्य के साथ ही तक्मलनाडु और केरल के चिुनाव परिणाम भी उतसाहवर्धक हैं । तक्मलनाडु में चिार सी्टों पर क्मली क्वज्य से जो न्या आतमक्व्वास पैदा हुआ है , वह आगे की राह आसान करेगा । केरल चिुनाव में पार्टी को एक भी सी्ट का न क्मलना , कुछ पल के क्लए क्ोभ और तनाव का कारण हो सकता है , लेक्कन पार्टी के जनाधार राज्य में बढ़ रहा है , राज्य में बेहतर भक्वष्य का संकेत देता है ।
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