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राष्ट्री्य एससी गठबंधन नदे 24 घंट़े का ऑनलाइन सिरेक्षण आ्योजित वक्या जिसमें राज्य के लोगों सदे पूछा ग्या कि उनके लिए कौन सदे दलित मुद्दे सबसदे महतिपूर्ण ्दे ।
इन मुद्ों पर ली गई लोगों की राय
संगठन नदे दलितों सदे संबंधित पांच मुख्य मुद्ों को सोशल मीवड्या पर डाला और राज्य के लोगों सदे ईमदेल , एसएमएस और सीधदे कॉल के माध्यम सदे प्रवतवक्र्याएं भी आमंवत्त कीं । इन सवालों में पोसट मैट्रिक छात्रवृत्ति , सामाजिक बहिष्कार , भदेदभाव और अत्याचार , दलितों के लिए गांव की आम जमीन में एक तिहाई हिससा , दलितों को तदेजी सदे पदोन्नति के लिए 85वें संशोधन को लागू
करना , तुगलकाबाद गुरु रविदास मंदिर विधिंस जैसदे मुद्दे शामिल ्दे ।
क्ा रही लोगों की प्वतहरियाएं
सभी सवालों में सबसदे ज्यादा प्रवतवक्र्याएं 24 घंट़े के अंतराल में दलित छात्ों की शिक्षा सदे जुड़़े सवाल के जवाब में मिलीं । इन मुद्ों के संबंध में संगठन को सोशल मीवड्या पर 840 ईमदेल , एसएमएस और 1,008 क्लक प्रापत हुए । उनहें पोसट-मैट्रिक छात्रवृत्ति ्योजना सदे संबंधित मुद्दे का समर्थन करतदे हुए सोशल मीवड्या पर 42 % ईमदेल और 23 % क्लक प्रापत हुए , जो गरीब दलित छात्ों सदे संबंधित हैं । दूसरा सबसदे महतिपूर्ण मुद्ा सामाजिक बहिष्कार , भदेदभाव , शोषण , बलातकार और अत्याचारों सदे संबंधित था । इस मुद्दे का समर्थन करतदे हुए , 37.9 % ईमदेल और 16.4 % क्लक प्रापत हुए । इसी तरह , संगठन को दलित आबादी के लिए गांव की आम भूमि में 1 / 3 हिस्से सदे संबंधित 27 % ईमदेल प्रापत हुए । 85वें संशोधन और तुगलकाबाद अंक को भी क्रमश : 22.1 % और 17.9 % मदेल मिलदे ।
सिवेक्ण का उद्ेश्य राजनीतिज्ों को चेताना
एनएससीए के अध्यक्ष सतनाम सिंह कैंथ नदे कहा कि राज्य की दलित आबादी सदे जुड़ी कुछ घोषणाओं को छोड़कर इस चुनाव में कोई भी इन दलित मुद्ों पर बात नहीं कर रहा है । उनहोंनदे
कहा कि इस सिरेक्षण को करनदे का उद्देश्य सिर्फ हमारदे नदेताओं को ्यह ्याद दिलाना था कि राज्य के लोग राज्य के दलितों के वासतविक मुद्ों के बारदे में क्या महसूस करतदे हैं । उनहोंनदे कहा कि हर सरकार दलितों सदे जुड़ी नीवत्यां बना रही हैं , लदेवकन जब बात लागू करनदे की आती है तो सभी अपनदे पांव घसीटतदे हैं । उनहोंनदे कहा कि राज्य के लोगों के लिए दलितों की शिक्षा सबसदे महतिपूर्ण मुद्ा है , जैसा कि 24 घंट़े के इस सिरेक्षण सदे पता चलता है ।
शामलात जमीन तक नहीं दिला पाई सरकारें
एनएससीए प्रमुख नदे कहा कि पंजाब विलदेज कॉमन लैंड ( रदेगुलदेशन ) ए्ट 1964 कहता है कि दलित 33 फीसदी शामलात जमीन ( गांव की आम जमीन ) पानदे के पात् हैं , लदेवकन बड़ी संख्या में गांवों में उनहें ्यह जमीन नहीं मिल रही है क्योंकि सरकारी अधिकारर्यों की मिलीभगत सदे बड़़े जमींदार इस जमीन का इस्तेमाल कर रहदे हैं । सतनाम सिंह कैंथ नदे कहा कि मैं बस हर राजनीतिक दलों को ्याद दिलाना चाहता हूं कि अगर िदे दलित वोट पानदे के लिए इतनदे बदेताब हैं तो उनहें ऐसदे वासतविक दलित मुद्ों पर ध्यान ददेना चाहिए । उनहोंनदे कहा कि चुनाव सदे पहलदे ऐसदे मुद्ों को हर चुनावी घोषणा पत् में प्रमुखता सदे उजागर वक्या जाना चाहिए । पंजाब में दलितों की 39 उपजावत्यां हैं और उनकी जनसंख्या राज्य की 32 प्रतिशत है । �
ekpZ 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 33