विश्वास और सबकता प्रयतास ' की सोच को ध्यान में रखते हुए , केद्रि की मौजूदता सरकतार के विभिन्न विभतागों ने प्रधतानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के फौरन बताद से ही समताज के सभी रगयों के समतान विकतास पर निरंतर कताम शुरू कियता । इस विकतास में केंरि सरकतार ने जनजताकतयों के विकतास और
प्रदेश , तेलंगतानता , मणिपुर , मिजोरम और गोरता में हैं । 2014 के बताद से देश में 10 आकदरतासी शोध संस्थान को मंजूरी दी जता चुकी है । ये शोध संस्थान आंध्र प्रदेश , उत्रताखंड , कनता्वटक , अरुणताचल प्रदेश , जममू-कशमीर , मिजोरम , नगतालैंड , सिक्किम , मेघतालय और गोरता में
“ हमारी विचारधारा देशहित के लिए होती है । हम उसी विचारधारा में पले हैं जो राष्ट्र प्रथम ( नेशन फर््म ) की बात करती है । ये हमारी विचारधारा है कि हमें राजनीति का पाठ राष्ट्रनीति की भाषा में पढ़ाया जाता है । हमारी राजनीति में भी राष्ट्रनीति सरवोपरि है । हमें राजनीति और राष्ट्रनीति में से एक को स्ीकार करना होगा । हमें संस्ार मिले हैं , राष्ट्रनीति को स्ीकार करना और राजनीति को नंबर दो पर रखना । हमें गर्व है कि हमारी विचारधारा ‘ सबका साथ , सबका विकास , सबका विश्ास ’ की बात करती है , उसी मंत् को जीती है ।“
— नरेंद्र मोदी , प्रधानमंत्ी
तक सुदूर क्ेत्रों में रहने रताले आकदरतासी वर्ग के सताथ अब कोई भेदभतार नहीं होतता कयोंकि देश के संसताधनों पर सबकता समतान अधिकतार पूरी ईमतानदतारी के सताथ सुनिश्चित कियता जता रहता है । सशक्त जनजाति , राष्ट का सशक्तीकरण
भतारत की कुल जनसंख्या में 8.6 प्रतिशत आबतादी अनुसूचित जनजताकत ( एसटी ) की है । यतानी संख्या में यह समताज लगभग 10.4 करोड है । भतारत के संविधतान के अनुच्छेद 342 के तहत अधिसूचित अनुसूचित जनजताकतयों की संख्या 705 से अधिक हैं । प्रधतानमंत्री नरेद्रि मोदी के ' सबकता सताथ , सबकता विकतास , सबकता
उनकी विरतासत और संसकृकत के संरक्ण को भी प्रताथमिकतता दी है और अधिक प्रतिबद्तता के सताथ उन्हें हर तरह से सक्म बनताने लिए नयता व सुगम प्रगति पथ तैयतार कियता है ।
जनजातियों के सिाांगरीण विकास का प्रयास
जनजताकतयों के विकतास को लेकर केंरि सरकतार की सोच कता ही परिणताम है कि जनजतातीय कताय्व मंत्रतालय कता बजट 2014-15 के 3850 करोड़ रुपये के मुकताबले 2022-23 में बढ़कर 8407 करोड रुपये हो गयता । आकदरताकसयों के भगरतान के रुप में सम्मानित बिरसता मुंडता की जयंती 15 नवंबर को जनजतातीय गौरव दिवस घोषित कियता गयता है । देश भर में 10 आकदरतासी सरतंत्रतता सेनतानी संग्हतालय बन रहे हैं । इसमें आकदरताकसयों ने कैसे अपने जंगलों , भूमि अधिकतारों , अपनी संसकृकत की रक्षा के लिए संघर्ष कियता और अपनी वीरतता के सताथ बलिदतान दियता , जो राष्ट्र कनमता्वण के लिए महतरपूर्ण है । ये संग्हतालय गुजरतात , झतारखंड , आंध्र प्रदेश , छत्ीसगढ़ , केरल , मधय
स्थापित हो रहे हैं । इनमें से तीन संस्थान पूरे हो चुके हैं और बताकी कता कताम प्रगति पर है ।
आदिवासियों की शिक्ा पर जोर
आजतादी कता अमृत महोतसर के तहत प्रधतानमंत्री नरेद्रि मोदी ने जनजतातीय गौरव दिवस के अवसर पर 27 जिलों में 50 नए एकलवय मॉडल आरतासीय विद्यालयों की आधतारशिलता रखी । एकलवय मॉडल आरतासीय विद्यालय ( ईएमआरएस ) को और गति देने के लिए यह निर्णय लियता गयता है कि वर्ष 2026 तक 50 % से अधिक एसटी आबतादी रताले प्रतयेक बलॉक और कम से कम 20,000 आकदरतासी वयन्कतयों के पतास 740 एकलवय मॉडल सकूल शुरू करने कता लक्य रखता गयता है । एसटी आबतादी कता घनतर जहतां चयनित सब-डिस्ट्रिक्टस में 90 % यता अधिक है , वहतां आरतासीय सुविधता के बिनता सकूल कता लताभ उ्ताने के इच्छुक एसटी छतात्रों के लिए प्रयोगतातमक आधतार पर एकलवय मॉडल ड़े बोकडिंग सकूल ( ईएमडीबीएस ) स्थापित करने कता प्रस्ताव है । जनजतातीय कताय्व मंत्रतालय और
twu 2022 15