सा्व्यभौमिक , समपूर्ण मान्वता के लिए स्व्य कलरारकाररी राजनरीलतक व्यवसथा के पोषक के रूप में भरी देखा जा सकता है । अमेरिका से लेकर ल्वश्व के कई बड़े-छोटे देशों को आ्वशरक िरी्वनरक्क द्वाएं बिना किसरी भेदभा्व के उपल्ध कराने के निर्णय ने प्रधानमंत्री मोदरी को ्वैश्विक नेताओं के पहले पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया । ्वैश्विक सतर पर प्रधानमंत्री मोदरी करी प्रशंसा एक ऐसे राजनेता के रूप में हो रहरी है , जो सबके कलरार के लिए हर समय तैयार रहते हैं । उनकरी छल्व एक ऐसे राजनेता के रूप में उभररी है , जो एक से्वक के भा्व से ऐसे कर्म को प्रधानता देते हैं , जो राषट्र , समाज और समपूर्ण ल्वश्व के लिए उपयोगरी ए्वं हितकाररी है । इसरीलिए यह उनके आह्ान का असर था कि आम जनमानस ने कोरोना के ल्वरुद्ध लड़ाई
लड़ रहे योद्धाओं के प्रति सममान वरकत करने के साथ हरी संकट के समय राष्ट्रीय एकजुटता का भा्व प्रदर्शित किया । यहरी कारण है कि 130 अरब जनसंखरा ्वाले देश में कोरोना ने उस तरह से अपना रौद्र रूप नहीं दिखा पाया , जैसा कि पसशचमरी देशों में देखने को मिला । प्रधानमंत्री मोदरी करी दूरदृसषट के सुखद परिणाम कोरोना संकट के दौरान देश भर में हुए लॉक डाउन के दौरान ठ्प पड़री आर्थिक गलतल्वलधरों के बा्विूद गररीब , दलित , पिछड़े , महिलाएं , किसान से लेकर आम भारतरीर नागरिक को मिलरी राहत के रूप में देखा जा सकता है ।
राहत का कें द्र बिंदु बने जनधन खाते जिस समय प्रधानमंत्री मोदरी ने देश करी जनता
के लिए बैंक अकाउंट खोलने करी योजना को शुरू किया था , उस समय जनधन नामक इस योजना करी आलोचना करने ्वाले मुखर रूप से सामने थे । पर इसरी जनधन अकाउंट के माधरम से लॉक डाउन में करोड़ों भारतरीरों को मिलरी आर्थिक सहायता , उनके लिए ्वरदान सिद्ध हुई । जनधन अकॉउंट के माधरम से जिनहें सहायता मिलरी , उनमें अधिकांश गररीब , दलित , पिछड़े और महिलाएं हरी हैं । इसरी तरह किसान सहायता निधि ने जहां किसानों को लॉक डाउन में घर में रहने का सनदेश दिया , तो अन्न के भंडार भरी जनता के लिए खोल दिए गए । कोरोना से निपटने के लिए देश में शासन और प्रशासन को जिस डिजिटल क्रांति ने अपना साथ दिया , ्वह डिजिटल क्रांति भरी प्रधानमंत्री मोदरी करी दूरदृसषट का एक और उदाहरण हैं । ऐसे तमाम प्रयासों
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