थे I लेकिन उनहोंने एक योजनया ्बनयाई और कोलकयातया को मुससलम शहर ्बनने से ्बियाने के लिए अंत तक लडने कया फैसलया लक्या । उनहोंने नियम ्बनयाए कि मुसलमयानों कधी तरह वह किसधी भधी महिलया और ्बच्चों को नहीं छुएंगे । गोपयाल के पयास खुद दो पिस्टल ्धी जो उनहें आजयाद हिंद फौज से मिलधी ्धी । 18 अगसत कधी दोपहर से गोपयाल के नेतपृतव में हिंदुओं ने वयापस लडनया शुरू कर लद्या । उस दिन ज्ब मुसलमयान हिंदुओं को मयािने के लिए हिनदू कॉलोनधी में आए , तो
उनकया स्वागत गोपयाल कधी ्टधीम ने लक्या । गोपयाल कधी ्टधीम ने हिनदुओं को मयािने के लिए आए हर मुससलम को मयाि ियालया और 19 तयािधीि तक उनहोंने सभधी हिनदू उपनिवेशों को सुरक्षित कर लल्या ्या ।
सुहियावदती के लिए यह पूिधी तरह से सिप्रयाइज ्या । उसने सोिया नहधी ्या कि हिनदू इस तरह से विरोध करेंगे । ज्ब 19 अगसत तक उनहोंने हिनदू क्षेत्ों को सुरक्षित कर लल्या ्या , तो उनकया ्बदलया
20 अगसत से शुरू हो ग्या ्या । उनहोंने 16 और 17 अगसत को हिंदुओं को मयािने वयाले सभधी जेहयालद्ों को चिह्नित लक्या और 20 अगसत को उन पर हमलया लक्या । 19 तयािधीि तक सभधी हिंदुओं तक यह संदेश पहुंिया कि गोपयाल के नेतपृतव में हिनदू मुसलमयानों से लड रहे हैं I लेकिन 21 अगसत तक ्बहुत सयािे हिनदू उनके सया् हो चुके थे और फिर सभधी मुसलमयानों से ्बदलया लेने लगे I उनहोंने दो दिन में इतने मुसलमयानों को मयाि ियालया कि मुसलमयानों कधी मौत हिनदुओं
कधी मौत से ज्यादया हो गई I 22 अगसत तक खेल ्बदल चुकया ्या I मुसलमयान कोलकयातया से भयाग रहे थे ।
सुहियावदती ने अपनधी हयाि स्वीकयाि कर लधी और कयांग्ेस नेतयाओं से अनुरोध लक्या कि वह गोपयाल पयाठया को रोकने कया अनुरोध करें , जो मुसलमयानों के लिए यमियाज ्बन गए थे । गोपयाल इस शर्त पर तै्याि हो गए कि सभधी मुसलमयान उनहें अपने हल््याि सौंप दें , जिसे सुहियावदती ने
स्वीकयाि कर लल्या । कोलकयातया पर कब्जा करने कधी लजन्नया कधी योजनया 22 अगसत तक चकनयािूर हो गई ्धी और कोलकयातया में भगवया झंिया फहिया रहया ्या । कोलकयातया के ्बयाद गोपयाल ने अपने संगठन को भंग नहीं लक्या और ्बंगयाल के हिनदुओं को ्बियाते रहे ।
ज्ब स्ब कुछ खतम हो ग्या , जैसया कि एक फधीिि फिलम के अंत में पुलिस आतधी है । उसधी प्रकयाि गयांधधी ने गोपयाल से मुलयाकयात कधी और अहिंसया एवं हिंदू-मुससलम एकतया के अपने पयाठों को लेकर उनसे अपने शसत्ों ( हल््याि ) को दयाल कर आतमसमर्पण करने के लिए कहया । गोपयाल के शबद थे कि गयांधधी ने मुझे दो ्बयाि ्बुलया्या , मैं नहीं ग्या । तधीसिधी ्बयाि कुछ स्थानधी् कयांग्ेसधी नेतयाओं ने मुझसे कहया कि मुझे कम से कम अपने कुछ हल््याि जमया करने ियालहए । मैं वहयां से चलया ग्या I मैंने देिया कि लोग आ रहे हैं और हल््याि जमया कर रहे हैं , जो किसधी के कयाम के नहीं थे । त्ब गयांधधी के सचिव ने मुझसे कहया कि गोपयाल , तुम गयांधधीजधी को हल््याि क्ों नहीं सौंप देते ?' गोपयाल ने उत्ि लद्या कि इन भुजयाओं से मैंने अपने क्षेत् कधी महिलयाओं को ्बिया्या , लोगों को ्बिया्या है । मैं आतमसमर्पण नहीं करूंगया । गोपयाल ने फिर कहया कि कलकत्ता हत्याकयांड के दौियान गयांधधीजधी कहयां थे ? त्ब वह कहयां थे , ज्ब हिनदू मयािे जया रहे थे ? भले हधी मैंने किसधी को मयािने के लिए कधील कया इसतेमयाल लक्या हो , मैं उस कधील को भधी नहीं छोड़ंगया !
्बयाद में सुहियावदती ने कहया ्या कि ज्ब हिनदू वयापस लडने कया मन ्बनयाते हैं , तो वे दुलन्या में स्बसे घयातक हो जयाते हैं I गोपयाल पयाठ और श्यामया प्रसयाद मुिजती दो महयान नया्क थे , जिनहोंने ्बंगयाल के हिनदुओं को जेहयादधी मुससलम डकैतों से ्बिया्या ्या I चूंकि गोपयाल ने गयांधधी के लसद्धयांत कया पयालन नहीं लक्या , इसलिए उनकया नयाम सेकुलर कयांग्ेलस्ों और वयामपंथियों ने इतिहयास कधी कितया्बों से ह्टया लद्या । लेकिन वह भयाित के गुमनयाम हधीिो हैं , जिनहोंने लयािों हिनदू लोगों कधी जयान ्बियाई । उनहीं कधी ्बदौलत आज कोलकयातया भयाित कया हिस्सा है । �
twu 2023 47