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के हर ियाज् में ्यानधी उत्ि से दक्षिण तक और पूि्ब से पसशिम ियाज्ों तक जयालतगत मसधीहया ्बनकर सत्ता कया सुख लेने वयाले अयोग् ियाजनेतया , ियाजनधीलतक दल एवं संघठन कया एक ऐसया जमयावडया लग ग्या , जिसने देश और जनतया कया नुकसयान करने में कोई कसर ्बयाकधी नहीं ििधी । कयांग्ेस ज्ब सत्ता में नहीं रहधी , उस दौियान भधी-वह ियाहे 1977 से 1980 कया कयालखंड रहया हो ्या फिर 1989 से 1999 कया कयालखंड ्या 1998 कधी भयाजपया कधी सरकयाि रहधी हो , उन गठ्बंधन कधी सरकयािों को लगियाकर सत्ता हल््याने कधी भूमिकया में रहधी । जनतया
इण्डिया शयाइनिंग कया विरोध इस तरह से लक्या ग्या कि जनतया भ्रमित हो ग्धी , परिणयामसवरूप अ्टल ल्बहयािधी ्बयाजपे्धी सरकयाि के विकयास सम्बन्धी प्र्यास भधी जनतया में कोई ियास उम्मीद नहीं जगया पयाए । देश कधी सत्ता में अपने मुससलम , वयामपं्धी और जयालतगत आधयाि पर ियाजनधीलत में पैर ज़मयाने वयाले नेतयाओं के सहयािे कयांग्ेस ने केवल सत्ता कया सुख नहीं भोगया , बल्कि जनहितों के नयाम पर देश कधी जनतया के संसयाधनों कधी निर्लज्जतयापूर्ण ढंग से जमकर लू्टने में कसर नहीं छोडधी । ियाजनधीलत में कयांग्ेस और वयामपंथियों कधी मिलधीभगत
जोड़-तोड़ करके ्बयाद में उनकधी सरकयाि लगियाकर सव्ं केंद्रधी् सत्ता कया सुख उठयातधी रहधी ।
2014 में बदली स्स्क्तयां
2014 में स्थितियां ्बदल ग्धी और केंद्र में प्रधयानमंत्री नरेंद्र मोदधी के नेतपृतव में भयाजपया कधी सरकयाि ्बन ग्धी । कयांग्ेस और उनके सहयोगियों को यह कलपनया एवं विश्वास हधी नहीं ्या कि प्रधयानमंत्री मोदधी को लोकसभया चुनयाव में ्बहुमत मिलेगया और वह सरकयाि ्बनयाने कधी सस्लत में होंगे । पर ऐसया हुआ । परिणयाम यह निकलया कि
पया्टती , जनतया दल कधी सरकयािों को लगियाकर अपनधी सरकयाि भधी ्बनया लधी । केवल भयाजपया सरकयाि को 1996 में लगियाने में सफल तो हुए किनतु जनतया उनहें समझ चुकधी ्धी । इसलिए 1999 में भयाजपया कधी हधी सरकयाि ्बनया दधी । 1999 में भयाजपया नेतया अ्टल ल्बहयािधी ्बयाजपे्धी के सरकयाि कया ज्ब समय ्या तो उस समय ियाजनधीलत कधी दिशया ्बदलने के प्र्यास तो शुरू हुए , पर कयांग्ेस द्यािया विकयास ्यानधी
एवं सत्ता के लिए भयाितधी् समयाज को जयालत-धर्म में ्बयां्टने वयालधी ियाजनधीलत कया सिलसिलया 1947 से लेकर 2014 तक जयािधी रहया । इस सम्यावधि के दौियान कयांग्ेस सिर्फ आपयातकयाल और अ्टल ल्बहयािधी ्बयाजपे्धी के कया््मकयाल के मध् सत्ता से दूर रहधी । पर सत्ता से यह दूिधी ज्यादया दिनों तक नहीं रहधी और कयांग्ेस लगयातयाि जयालतवयादधी , वर्गवयादधी , समप्रदया्वयादधी नेतयाओं को भ्रमित कर उनके सया्
भयाित कधी ियाजनधीलत में ियाषट्वयादधी शसकत्ों कया उदय हुआ और पहलधी ्बयाि देश कधी जनतया को ऐसधी सरकयाि मिलधी , जो जयालत-धर्म , स्वार्थ और हित से ऊपर उठकर , सिर्फ देश के समग् विकयास के लिए कयाम करने में जु्ट ग्धी । चुनयाव में मिलधी पियाजय और मोदधी सरकयाि के जनहित एवं देशहित के कयामकयाज को देखकर सकते में आ्धी कयांग्ेस और वयामपंथियों के लिए यह एक
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