द्रौपदी मुर्मू की एजुके शन
द्ौपदरी मूर्
का जनम 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसरी गांव में एक आदिवासरी परिवार में हुआ था । उनहोंने रामा देिरी विमेंस कॉलेज से बरीए ( आरस्य ) में ग्ेजुएशन किया है । राजनरीति में आने से पहले मुर् मू ने एक शिक्षक के रूप में अपने करियर करी शुरुआत करी थरी और फिर ओडिशा के राजर सचिवालय में
ब्रह्म कु मारी संस्ान से है आध्ात्मिक जुडाव
एनडरीए करी राष्ट्रपति पद करी उम्मीदवार द्ौपदरी मुर्मू का राज्थान के साथ एक मजबूत आधराकतमक बंधन है , मुर्मू माउंट आबू लगातार आिरी रहरी हैं । साल 2009 में द्ौपदरी मुर्मू पहलरी बार माउंट आबू आईं थरी । इसके बाद वह कई बार यहां आईं । दरअसल , ओडिशा के संथाल आदिवासरी समुदाय से आने वालरी मुर्मू ने अपने जरीिन में कई संघिषों का सामना किया है । 2009 से 2015 के बरीच महज छह साल में हरी मुर्मू ने अपने पति , दो बेटों , मां और भाई को खो दिया । रिपोरस्य के मुताबिक उस कठिन समय के दौरान मुर्मू ब्रह्म कुमारियों करी धरान तकनरीकों करी एक गहररी अभरासरी बन गईं । यह एक आधराकतमक आंदोलन था जो उनहोंने अपने वरक्िगत नुकसान के बाद किया ।
ब्रह्म कु मारी संस्ान से जुडे हुए 13 साल
कररीब 13 साल पहले करी बात है जब द्ौपदरी मुर्मू पहलरी बार माउंट आबू में ब्रह्म कुमाररी सं्थान से जुड़ी थीं । समय के साथ , इस सं्था के साथ उनके संबंध मजबूत हुए और उनहोंने तनाव दूर करने के लिए राज योग सरीखा । उसके बाद से वह सं्थान के कई कार्यरिमों का तह्सा रह चुकरी हैं । 2009 में वह पहलरी बार यहां आई और राजयोग सरीखा । तब से वह लगातार सं्थान के संपर्क में हैं । जब वह झारखंड करी राजरपाल थीं , तब वह दो बार ब्रह्म कुमाररी सं्थान का दौरा कर चुकरी थीं । देश में कोरोना करी शुरूआत के समय 8 फरवररी , 2020 को भरी उनहोंने यहां वै्रू एजुकेशन फेस्टिल में तह्सा लिया था ।
द्रौपदी ने बढाया संस्ान का मान
द्ौपदरी मुर्मू को एनडरीए का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से सं्थान के सद्र खुश हैं । बरी . के . ब्रह्म कुमाररी सं्थान के कार्यकाररी सचिव मृतरुंजय ने नामांकन के बाद उनहें फोन कर बधाई दरी थरी । उ्लेखनरीर है कि देश करी पहलरी महिला राष्ट्रपति बनीं प्रतिभा पाटिल भरी राष्ट्रपति बनने से पहले ब्रह्मकुमाररी सं्थान गई थीं ।
सरकाररी ्लक्क के तौर पर काम करी । इसके बाद ओडिशा करी राजनरीति में एंट्ररी लरी ।
4 साल तक बिजली और सिंचाई विभाग में क्लर्क रहीं
पॉतलतट्स में आने से पहले द्ौपदरी मुर्मू ने एक टरीचर के तौर पर करियर शुरू किया था । 1979 से 1983 के बरीच उनहोंने सिंचाई और बिजलरी विभाग में जूनियर असिस्टेंट के तौर पर भरी काम किया । इसके बाद 1994 से 1997 तक उनहोंने ऑनरेररी असिस्टेंट टरीचर के रूप में भरी काम किया ।
पहली बार में ही जीता विधानसभा चुनाव
द्ौपदरी मुर्मू ने पॉलिटिकल करियर करी शुरुआत 1997 में बरीजेपरी में शामिल होकर करी । ओडिशा के रायरंगपुर जिले में आदिवासियों के लिए आरक्षित सरीट पर वो 1997 में हरी पहलरी
बार पार्षद चुनरी गईं । इसके बाद उनहोंने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2000 में रायरंगपुर सरीट से जरीिा और ओडिशा में वाणिजर और परिवहन मंत्ररी बनीं ।
देश की पहली आदिवासी राज्यपाल बनीं
द्ौपदरी मुर्मू 18 मई 2015 को झारखंड करी पहलरी महिला राजरपाल बनीं । छह साल एक महरीने तक वह इस पद पर बनरी रहीं । वो देश के किसरी भरी राजर करी पहलरी आदिवासरी राजरपाल हैं । मूर्मू पहलरी ओडिया नेता हैं , जिनहें देश के किसरी राजर का राजरपाल बनाया गया ।
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