eMag_Dec_2021-DA | Page 18

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लेकर न्वंबर तक गरीब कलयाण अन्न यकोजना से देश के 80 करकोड़ िकोगों कको लाभ पहतुंचा है । त्वश्व स्वास्थय संगठन और संयतुक्त रा्ट् महारतच्व ने भी भारत के प्यासों की जम कर सराहना की । 20 लाख करकोड़ रुपये के आतमतनभ्सर भारत अभियान से देश के अर्थचक कको गतिशील किया गया , एमएसएमई के लिए तीन लाख करकोड़ रुपये का आ्वंटन किया जिसमें से 2.5 लाख करकोड़ रुपये के ककोिेटरल फ्ी िकोन त्वतरित हको चतुका है । माननीय प्िानमंत्री श्ी नरेनद्र मकोदी जी ने एमएसएमई की परिभाषा बदलते हतुए इस सेक्टर के कलयाण के लिए कई कदम उठाये । एक लाख करकोड़ रुपये के फंड से एग्ीकलचरल इनफ्ासट्क्चर की यकोजना तैयार की गई है । लगभग 50 लाख सट्ीट ्वेंडर्स कको राहत देने के लिए 5,000 करकोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है ।
विषम परिस्थितियों में सक्षम नेत्रत्व
जब ककोरकोना ने देश में दसतक दी तको हमारे पास इससे लड़ने की ककोई व्यवसथा नहीं थी लेकिन िरॉकडाउन के तीन महीने में ही हम N95 मासक , पीपीई किटर , सेनिटाइजर्स और टेस्टंग में आतमतनभ्सर बने । इतना ही नहीं , हमने ्वेंटीलेटर्स और ऑक्सीजन बेडर में भी आतमतनभ्सरता हासिल की । शतुरुआत में हमारे पास के्वि एक टेस्टंग लै्र था , आज 2500 से अधिक टेस्टंग लै्र हैं । शतुरू में हमारे पास के्वि 1500 टेस्टंग प्तिदिन की क्मता थी , आज 20 लाख से अधिक हमारी टेस्टंग कैपेसिटी है । आज 15,000 से अधिक डेडिकेटेड ककोत्वि हॉस्पिटलर , लगभग 78 हजार आईसीयू बेडर और लगभग 14 लाख आइरकोिेशन बेडर मौजूद है । ट्रैक , टेसट ए्वं ट्ीट के त्वजन के साथ जिस तरह प्िानमंत्री मकोदी ने देश्वासियों की रक्ा की है , ्वह हृदय की गहराइयों से साितु्वाद यकोगय है । जब ककोरकोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन का त्वरय आया , तब जहां त्वपक् मिथ्या आरकोपों की राजनीति कर रहा था , िकोगों कको गतुमराह कर अराजकता फैलाने में लगा हतुआ था , ्वहीं दूसरी
ओर प्िानमंत्री देश्वासियों की रतुरक्ा में लगे हतुए थे । के्वि एक र्ताह में ही 10 गतुना ऑक्सीजन उतपादन बढ़ा और जल-थल-नभ से हर जगह ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई ।
वैक्सिनेशन अभियान में सबसे आगे भारत
दतुतनया के सबसे बड़ी और सबसे तेज गति से चलने ्वाले ्वैक्सीनेशन अभियान के तहत हमने के्वि 278 दिनों में 100 करकोड़ ्वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार किया है । देश में अब 108 करकोड़ से अधिक ्वैक्सीनेशन हको चतुका है । पर हमें यहाँ यह भी धयान देने की जरूरत है कि ्वैक्सीनेशन में देश की पहले की तस्वीर क्या थी और आज हम कहाँ तक पहतुंचे हैं । पहले हम रकोच ही नहीं पाते थे कि हम किसी बीमारी
की ककोई ्वैक्सीन बना भी सकते हैं । चिकन परॉक्र का टीका आने में देश में 10 ्वर्ष लग गए थे , बीसीजी ्वैक्सीन आने में 25 ्वर्ष से अधिक का समय लग गया था , हैपिटाइटिस बी और टिटनेस का टीका आने में भी वर्षों लग गए थे । पर जब देश में ककोरकोना ने दसतक दी तको 16 अप्ैि 2020 कको ही प्िानमंत्री मकोदी ने ्वैक्सीन पर टाक्स फकोर्स का गठन किया और 9 महीने से भी कम समय में देश में एक नहीं दको-दको त्वश्वसतरीय ‘ मेड इन इंडिया ’ ्वैक्सीन बन कर तैयार हतुई और 16 जन्वरी 2021 से देश में ्वैक्सीनेशन अभियान की शतुरुआत हतुई । ये है बदलता भारत , यह है प्िानमंत्री की दूरदमृप्ट और भारत के ‘ स्व ' कको जागमृत करने का तरीका । प्िानमंत्री ने स्वयं पिछले साल तीन ्वैक्सीन फैसिलिटी का निरीक्ण किया और उनकी प्ेरणा
18 दलित आं दोलन पत्रिका fnlacj 2021