Dec 2025_DA | страница 9

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श के बारह राजयों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण( एसआईआर) का विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे हैं । संसद के अंदर से लेकर बाहर तक जारषी विरोध में पसशचि बंगाल, तमिलनाडु और केरल के मुखयिंत्री जहां एसआईआर कषी जारषी प्रवरिया को भारतषीय जनता पाटजी( भाजपा) का कथित वोट चोरषी का खेल बता रहे हैं, वहीं प्रवरिया के विरोध में उच्चतम नयायालय में चुनाव आयोग के कार्य को चुनौतषी दषी जा रहषी हैI एसआईआर कषी प्रवरिया संविधान और कानून के अनुसार कषी जा रहषी है कयोंकि मतदाता सूचषी में संशोधन करने का कार्य चुनाव आयोग कषी एक सामानय प्रवरिया है और यह प्रवरिया देश के विभिन्न राजयों में जारषी है । साथ हषी यह कार्य इसलिए भषी आवशयक है कयोंकि इसके माधयि से देश में रहने वाले करोड़ों दलित, वंचित एवं आदिवासषी वर्ग के नागरिक अधिकार सुवनसशचत किए जा सकेंगे ।
आधारहीन दलीलों को सामने रख रहा है विपक्ष
कांग्ेस सहित जो भषी विपक्षी दल एसआईआर का विरोध कर रहे हैं, उनहोंने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजय में हुई एसआईआर प्रवरिया का विरोध करते हुए उच्चतम नयायालय से हसतक्ेप कषी मांग कषी थषी । विपक्षी दलों ने दावा किया था कि एसआईआर प्रवरिया में लाखों का नाम काट दिया जाएगा, जिससे उनहें मतदान करने का अवसर नहीं मिलेगा । विपक् के यह भषी आरोप लगाया था कि कथित रूप से वोट चोरषी के लिए भाजपा एसआईआर करा रहषी है और भाजपा का उद्ेशय किसषी भषी प्रकार से फजजीवाड़ा करके चुनाव को जषीतना चाहतषी है एवं इसके लिए भाजपा संविधान में छेड़छाड़ करके दलित, वंचित एवं आदिवासषी वर्ग को चुनाव प्रवरिया से वंचित करने का षड़यंत् कर रहषी है । fnlacj 2025 9