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उच्च न्ायालय में नहीं बना कोई अनुसूचित जाति-
जनजाति का न्ायाधीश
जनजाति का न्ायाधीश
न्ायाधीशों के अनुसूचित जनजाति वर्ग के 109 पद ररति : मुख्य न्ायाधीश ने उठाया प्रश्न
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धय प्रिदेश उच्च नयायालय के मुखय नयायाधीश सुरदेश कुमार कैत नदे एक अहम मुद्दे की ओर सबका धयान आकर्षित करतदे हुए कहा कि नयायालय के ग्ठन के 68 ्वर्ष में अनुसूचित जाति ए्वं अनुसचित जनजाति का कोई वयशकत नयायाधीश नहीं बन सका । ऐसा कयों हुआ यह मुझदे नहीं पता जबकि ऐसदे वयशकत थदे जो नयायाधीश बन सकतदे थदे लदेत्न नहीं बनदे । कई वयशकत योगय थदे , फिर भी नयायाधीश नहीं बन पाए ।
मुखय नयायाधीश सुरदेश कुमार कैत नदे गत 16 न्वंबर को अतध्वकता स्व . राजकुमार जैन की समृति में आयोजित सदेतमनार में सामाजिक नयाय त्वरय पर बोलतदे हुए कहा कि के्वल समानता की बातें करनदे सदे कुछ नहीं होगा । समानता के साथ बंधुत्व की भा्वना भी जरूरी है । प्रिदेश में उच्च नयायालय का ग्ठन 1956 में हुआ था । 68 ्वर्ष हो चुके हैं , लदेत्न अब तक यहां अनुसूचित जाति ए्वं अनुसचित जनजाति का कोई वयशकत नयायाधीश नहीं बन सका । उनहोंनदे कहा , ' ऐसा कयों हुआ , यह मुझदे नहीं पता , जबकि ऐसदे वयशकत थदे , जो नयायाधीश बन सकतदे थदे , लदेत्न नहीं बनदे तो कोई ्वजह होगी । आज जब हम समानता की बात करतदे हैं तो हमें फिर सोचनदे को जरूरत
है कि ऐसा कयों हो रहा है ।'
उनहोंनदे कहा कि उच्च नयायालय में आज भी नयातय् अधिकारियों की नियुशकत में कुछ नियम इतनदे सखत हैं कि उनहें पूरा करना कई लोगों के लिए मुश््ल होता है । इसी के चलतदे प्रिदेश में नयायाधीशों के अनुसूचित जनजाति ्वगमा के 109 पद रिकत पड़े हैं । इस ्वगमा के विद्यार्थी कड़े नियमों को पूरा नहीं कर पातदे हैं । इन शसथतियों को दूर करनदे के लिए यदि हम उनकी सहायता करेंगदे तो ्वह भी आगदे बढ़ पाएंगदे । उनहोंनदे यह भी कहा कि अपराध घटित होनदे के पीछडे सबसदे बडा कारण शिक्ा का न होना है । जैसदे-जैसदे शिक्ा मिलनी शुरू होगी , ्वैसदे-्वैसदे अपराध कम होतदे जाएंगदे ।
इसी आयोजन में उच्चतम नयायालय के
नयायाधिपति जदे . के . माहदे््वरी नदे कहा कि महिलाओं के त्वरुद्ध अपराधों की संखया में ्वृद्धि हुई है । इन अपराधों सदे बचनदे के लिए महिलाओं को तशतक्त और आर्थिक रूप सदे मजबूत बनना पड़ेगा । हमारदे समाज में महिलाओं की शसथति कया होनी चाहिए थी और कया हो गई है , यह किसी सदे छिपी नहीं है । यह सब हमारी त्वचार प्रतरिया में भदेिभा्व आनदे के कारण हुआ ।
उनहोंनदे संत्वधान के त्वतभन्न अनुच्छेद का उदाहरण िदेतदे कहा कि स्वतंत्ता और सममान महिलाओं का अधिकार है । ्वह महिलाओं के संबंध में नयाय प्रतरिया को चार भागों में बांटतदे हैं , जिनमें प्रगतिशील , सुरक्ातम् , दंडातम् और पुन्वामास शामिल है । इन चारों क्षेत्ों में समान रूप सदे काम करनदे की जरूरत है । �
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