Dec 2024_DA | Page 17

है । संत्वधान िदेश में सामाजिक और आर्थिक बदला्वों के पीछडे प्रदेरक शशकत रहा है और राष्ट्र सामूहिक प्रयासों और महान सं््प के साथ ' कर्तवय काल ' में ‘ त्व्तसत भारत ’ के लक्य की ओर बढ़ रहा है ।
उनहोंनदे संसद सदसयों सदे आग्रह किया कि ्वह संत्वधान को अंगी्कृत करनदे की 75्वीं ्वर्षगां्ठ को अपनदे-अपनदे तन्वामाचन क्षेत्ों में जन भागीदारी के साथ ' उत्सव ' के रूप में मनाएं , ताकि ' राष्ट्र प्रथम ' की भा्वना को मजबूत किया जा सके । संत्वधान न के्वल एक कानूनी मार्गदर्शक है , बल्् एक वयापक सामाजिक
दसता्वदेज भी है । संत्वधान नदे लोकतंत् के तीन सतंभों- त्वधायिका , कार्यपालिका और नयायपालिका के बीच आपसी सामंजसय के माधयम सदे सुचारू संचालन सुनिश्चत किया है । इन 75 वर्षों में तीनों शाखाओं नदे िदेश की उत्कृष्ट सदे्वा की है । लोकसभा अधयक् बिरला नदे कहा कि संत्वधान की सबसदे बडी त्वशदेरता इसकी परर्वतमानशीलता है । बीतदे 75 वर्षों में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं जो लोगों की बदलती आवश्यकताओं और अपदेक्ाओं के अनुरूप हैं । इन 75 वर्षों में संत्वधान के
भरत की वैश्िक भूमिका और प्रभाव के बारे में उनहोंने कहा कि संविधान भारत के लोगों को ' वसुधैव कुटुमबकम ' के सिद्धांत का पालन करने के लिए प्रेरित करता है - दुनिया एक परिवार है । संवैधानिक मूलयों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता ने वैश्िक मंच पर भारत की छवि को प्रशतशष्ठित किया है । उनहोंने जोर देकर कहा कि सभी नागरिकों को संविधान के मूलयों को बनाए रखने और भारत को एक विकसित और आतमशनभ्तर राष्ट्र बनाने में योगदान देने का सामूहिक संकलप लेना चाहिए ।
मार्गदर्शन में संसद नदे आम लोगों के जी्वन में सामाजिक और आर्थिक बदला्व लाए हैं , जिससदे लोकतंत् में लोगों की आसथा मजबूत हुई है । उनहोंनदे इस बात पर प्रसन्नता वयकत की कि नए संसद भ्वन के निर्माण सदे राष्ट्र की समृद्धि और क्मता को नई गति और शशकत मिली है ।
उनहोंनदे प्रसन्नता वयकत करतदे हुए कहा कि माननीय राष्ट्रपति के नदेतृत्व में पूरा िदेश संत्वधान के प्रति आभार वयकत करनदे के लिए एकजुट हुआ है । लाखों भारतीयों द्ारा संत्वधान की प्रस्तावना का प्ठन करना और राष्ट्र को आगदे लदे जानदे का सं््प लदेना इस पवित्र दसता्वदेज के प्रति एक महान श्रद्धांजलि है । इस अ्वसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर् मू नदे भारत के संत्वधान की प्रस्तावना के ्वाचन में राष्ट्र का नदेतृत्व किया ।
लोकसभा अधयक् बिरला नदे 2015 में प्रधानमंत्ी मोदी द्ारा प्रतत्वर्ष 26 न्वंबर को ‘ संत्वधान दि्वस ’ मनानदे के ऐतिहासिक निर्णय का उल्लेख करतदे हुए कहा कि यह कदम ्वतमामान पीढ़ी , त्वशदेर्र यु्वाओं को संत्वधान में निहित मू्यों , आिशगों , कर्तवयों और जिम्मेदारियों सदे जोडनदे के लिए उ्ठाया गया था ।
भारत की ्वैश्विक भूमिका और प्रभा्व के बारदे में उनहोंनदे कहा कि संत्वधान भारत के लोगों को ' ्वसुधै्व कुटुमब्म ' के सिद्धांत का पालन करनदे के लिए प्रदेरित करता है - दुनिया एक परर्वार है । सं्वैधानिक मू्यों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता नदे ्वैश्विक मंच पर भारत की छत्व को प्रततशष््ठत किया है । उनहोंनदे जोर िदे्र कहा कि सभी नागरिकों को संत्वधान के मू्यों को बनाए रखनदे और भारत को एक त्व्तसत और आतमतनभमार राष्ट्र बनानदे में योगदान िदेनदे का सामूहिक सं््प लदेना चाहिए ।
इस अ्वसर पर संत्वधान को अंगी्कृत करनदे की 75्वीं ्वर्षगां्ठ पर एक समारक सिक्ा और डाक टिकट जारी किया गया । साथ ही ' भारत के संत्वधान का निर्माण : एक झलक ' और ' भारत के संत्वधान का निर्माण और इसकी शानदार यात्ा ' शीर्षक ्वाली दो पुसत्ों का भी त्वमोचन हुआ और भारतीय संत्वधान की कला को समर्पित एक पुशसत्ा भी जारी की गई । संस्कृत और मैथिली में भारत के संत्वधान के दो नए संस्रण भी जारी किए गए । इस अ्वसर पर उपशसथत त्वतशष्ट जनों को भारतीय संत्वधान की महिमा , इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्ा को समर्पित एक लघु तफ्म दिखाई गई । �
प्रसतुशत : संजय दीक्षित
fnlacj 2024 17