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दिसमबर को डॉ आंबरेडकर का परिनिर्वाण दिवस है । महापरिनिर्वाण पर राजनीतिक क्रेत् में भरी वयग्ता एवं वयसतता दिखनी सवाभाविक है । आज भारतीय राजनीति में यह सब मानय है कि दलित मतदाताओं को डॉ आंबरेडकर के नाम पर ही आकर्षित किया जा सकता है । समपूण्त दलित वर्ग डॉ आंबरेडकर के प्रति भरी ककृतज्ञता अर्पित करता है । जाति- उपजाति की सीमाओं सरे अलग हटकर दलित वर्ग डॉ आंबरेडकर के नाम पर एक दिखता है । ऐसा नहीं है कि डॉ आंबरेडकर ही एक मात् दलित नरेता हुए । बाबू जगजीवन राम और कांशी राम जैसरे राष्ट्रीय सतर के नरेताओं का उदय एवं अवसान हुआ , किनतु डॉ आंबरेडकर का उस नछत् की तरह उदय हुआ जिसका प्रकाश दिन- रात की सीमा सरे पररे भारतीय राजनीति पर सर्वदा छाया रहता है ।
डॉ आंबरेडकर का योगदान दरेश निर्माण सरे लरेकर किसी दरेश को सुचारु रूप सरे चलानरे के लिए उसका आवशयक औजार संविधान के निर्माण तक विसतृत है । रिजर्व बैंक , विद्ुत एवं जल निगम , श्म कलयाण एवं रोजगार विभाग , महिला उतिान एवं दलित उतिान के साथ ही ऐसरे कई प्रकार के दर्जनों विभाग बनानरे में डॉ आंबरेडकर का ही योगदान था । आज आवशयकता है कि यह वर्तमान या आनरे वाली पीढ़ी को इसकी जानकारी हो कि अवसर तो अनयों को भी मिला पर अपनरे असीमित संसाधनों के बाद भी किस दलित नरेता नरे दरेश और दलित समाज के लिए कया किया ? आज दरेश में योगयतायुकत दलित समाज के लोगों की कमी नहीं है । आज दलित वर्ग के बच्चरे भी प्रतियोगिताओं में किसी
सरे भी काम नहीं है । उससरे अधिक ही अससी- नब्बे प्रतिशत अंक प्रापत दलित युवकों को मायूस होतरे सामानय रूप सरे दरेखा जा सकता है ।
आरक्ण योगयता या अयोगयता का नहीं , बषलक प्रतिनिधितव के विषय के रूप में सपष्ट दिखाई दरेनरे लगा है । दलित वर्ग के प्रति निम्न , हीन , अयोगय , गिरा हुआ समाज इतयातद जैसी सिातपत मानसिकता सरे यदि सरेष सिायी रूप सरे मुकत हो जायरे तो आरक्ण का औचितय समापत हो जायरेगा । जब तक दलितों के प्रति उकत
सिातपत मानसिकता सरे दरेश मुकत नहीं होता , तब तक तो दलित प्रतिनिधितव के लिए आरक्ण का होना आवशयक है ।
आज उच्च नयायायिक सरेवाओं में आरक्ण न होनरे सरे वह दलितों का नगणय प्रतिनिधितव , दलितों के प्रति भरेदभाव एवं उनहें अवसर सरे वंचित रखनरे का सबसरे बड़ा उदहारण है । लाखों प्रकरणों को लंबित रखतरे हुए नयातयक वयवसिा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगानरे वालरे एक उच्च
नयायालय के दलित नयायाधीश के विरुद्ध तवरित कार्यवाही और उसरे भ्रष्टाचार की जांच हरेतु ऊंची आवाज सरे बोलनरे के लिए गिरफतार करके जरेल में डाल दरेना कया यही गैर दलित नयायाधीशों का उचित वयवहार है ?
डॉ बी आर आंबरेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस की समृति में राष्ट्र निर्माण में डॉ आंबरेडकर के योगदान एवं उनके द्ारा बनायरे गए भारत की आतंरिक संरचना में सवतंत्ता , समानता और बंधुतव के संवैधानिक उदघोष
को चरित्ाि्त करनरे का समबल लिया जायरे । डॉ आंबरेडकर के द्ारा आरक्ण के प्रावधानों को योगयता और अयोगयता सरे न जोड़तरे हुए , उसरे प्रतिनिधितव , सहभागिता या सबको अवसर की उपलबधता सरे जोड़कर दरेखा जायरे । ऐसरे में वर्तमान प्रधानमंत्ी नरेंद्र दामोदर दास मोदी के ' सबका साथ-सबका विकास , सबका विशवास ' के आवाह्न को एक सकारातमक कार्य के रूप दरेखा जा सकता है । �
fnlacj 2022 7