BISWAS Nov 1 Issue 18 | Page 161

कोरोना फ़र्ज़ी महामारी की "वैक्सीन" या "इलाज" की वजह से ख़ून के थक्के जमने की असली महामारी फैल रही है देश भर में!

शेगाँव (ज़िला बुलढाणा, महाराष्ट्र) में एक अस्पताल के संचालक ने 22 अक्टूबर 2021 को हमें बताया कि पिछले छः महीनों में बहुत बड़ी संख्या में ऐसे मरीज़ आ रहे हैं जिन्हें कोरोना "वैक्सीन"/"इलाज" की वजह से ख़ून के थक्के जमने -- मतलब ब्लड क्लॉट्स (blood clots) -- की बीमारी है।

ओ.पी.डी. में आने वाले अधिकतर लोग ऐसे ही मरीज़ हैं और भर्तियों में 10 से 12 प्रतिशत लोग ब्लड क्लॉट्स से पीड़ित हैं।

ब्लड कलॉट्स से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक होता है - मतलब मरीज़ की जान ख़तरे में!

दसियों लाख (millions) लोग मर चुके हैं भारत में कोरोना फ़र्ज़ी महामारी की जानलेवा "वैक्सीनों" और "इलाज" से!

न सरकारी आंकड़े ये भयानक सच्चाई दिखा रहे हैं और न बिकाऊ मीडिया!

इसलिए बूचड़ख़ानों ("वैक्सिनशन" सेन्टरज़) का कारोबार अभी भी चल रहा है!

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कपिल बजाज

dragada.com/kbforyou

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ख़ून के थक्के