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गरीब-दलित की आकांक्षाओ ं को पूरा करने वाला बजट

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द्र में तीसरी बार प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार गठित सरकार का पहला बजट जन आकांक्ाओं की पूर्ति और ठ्वकसित भारत के सपने को साकार करने की स्वाभाठ्वक आकांक्ाओं को सामने रखता है । बजट में न तो लंबी- लंबी घोषणाएं हैं और न ही ऐसी कोई योजना , जिस आम जन के बीच मुफत रे्वड़ी बांटने ्वाला बताया जा सके । बजट आने से पहले यह माना जा रहा था कि चुना्व में मिले झटके बाद मोदी सरकार का बजट कुछ हद तक लोकलुभा्वन होगा । इसके ठ्वपरीत नीतिगत निरंतरता , सुधार का संकलप और न्व अ्वसरों के सृजन का संकलप बजट में सपषट रूप से देखा जा सकता है । 48.21 लाख करोड़ रुपए का बजट मोदी सरकार की उस समृद्ध सोच को भी दर्शाता है , जिसके मूल में गरीब , दलित , पिछड़े और ्वन्वासी ्वगति के समग्र कलयाण को रखा गया है ।
तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में ठ्वत्ीय अनुशासन की राह पर चलने की अपनी परिपाटी को बनाए रखा है । बजट ठ्वरेष रूप से ग्रामीण भारत , कृषि उतथान ए्वं रोजगार के अधिक से अधिक अ्वसर पैदा करने पर केंद्रित है । मोदी सरकार की प्राथमिकता ्वाले इन क्ेत्ों पर दृषषट डाली बजट में कृषि क्ेत् के लिए लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का प्रा्वधान किया है । इसका सीधा लाभ कृषि क्ेत् से जुड़े दलित , पिछड़े ए्वं ्वन्वासी ्वगति को ही मिलेगा कयोंकि देश के कृषि क्ेत् से दलित , पिछड़े ए्वं ्वन्वासी ्वगति की जनता प्रतयक् रूप से जुडी हुई है और उनके जी्वन का आधार कृषि कर्म ही है । बजट में कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने , नई कृषि तकनीकि को बढ़ा्वा देने और प्राकृतिक कृषि को बढ़ा्वा देने पर जोर दिया गया है । यह ग्रामीण भारत में रहने ्वाले उस गरीब दलित-पिछड़े ्वगति को राहत देगा , जो दिन-रात मेहनत करके सभी को भोजन के लिए हर समय एकजुट रहते हैं ।
बजट में सामाजिक नयाय ्व अधिकारिता मंत्ालय
को अनुसूचित जातियों ( एससी ), अनय पिछड़ा वर्गों ( ओबीसी ), ठ्वमुकत घुमंतू जनजातियों ( डीएनटी ) ए्वं टांसजेंडर वयषकतयों के कलयाण का उत्रदायित्व सौंपा गया है । मंत्ालय की केंद्रीय क्ेत् की योजनाओं के लिए आ्वंटन में 100 करोड़ रुपए से अधिक की ्वृद्धि की गई है । अनुसूचित जातियों के ठ्वकास के लिए अम्ब्ेला योजना , अनय कमज़ोर वर्गों के ठ्वकास के लिए अम्ब्ेला योजना और ठ्वमुकत , घुमंतू ्व अर्ध-घुमंतू समुदायों के आर्थिक सरषकतकरण हेतु योजना के लिए आ्वंटन पिछले ्वषति के बराबर ही है । लेकिन ठ्वमुकत , खानाबदोश और अर्द्ध खानाबदोश समुदायों के लिए ठ्वकास और कलयाण बोर्ड के बजट में मात् तीन करोड़ रुपए की बढ़ोत्री की गई है । इसी प्रकार जनजातीय मामलों के मंत्ालय की केंद्रीय क्ेत् की योजनाओं के लिए आ्वंटन में लगभग पांच सौ करोड़ रुपए की ्वृद्धि हुई है । अबकी बार बजट में अनुसूचित जातियों ए्वं अनुसूचित जनजातियों के कलयाण हेतु बजट आ्वंटन में क्रमशः चार प्रतिशत और साढ़े चार प्रतिशत की ्वृद्धि की गई है । अनुसूचित जातियों ए्वं अनुसूचित जनजातियों के कलयाण हेतु बजट , केंद्र सरकार की सभी योजनाओं के लिए निर्धारित कुल बजट का क्रमशः 8.18 प्रतिशत ए्वं 4.85 प्रतिशत है । यह समाज में अंतिम पषकत में खड़े वयषकत के लिए मोदी सरकार की कलयाणकारी सोच को दर्शाता है । लोकसभा चुना्व में अपेठक्त परिणाम न मिलने के बाद भी मोदी सरकार ने अपने बजट को जनता को खुश करने ्वाली योजनाओं से दूर रखा है और ठ्वत्ीय अनुशासन को प्राथमिकता दी है । यह सरकार के आतम ठ्वश्वास को सामने रखता है । समाज के हर ्वगति को रषकत देने ्वाला यह बजट जनजातीय समाज , दलित , पिछड़ों को सशकत करने की मजबूत योजनाओं के साथ आया है । इससे ठ्वकास को नई गति मिलेगी और गरीब , दलित , ्वंचित ्वगति की राह और आसान होगी , इसमें संदेह नहीं किया जा सकता है ।
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