तनदमेश
हाथ से सफाई पर पूरी तरह रोक लगाए कें द्र सरकार: उच्चतम न्ारालय
m
च्तम नरारालय ने एक बार फिर दमोहराया है कि देश में हाथ से मैला उठाने की प्रक्रिया कमो पूरी तरह समापत किया जाना चाहिए । साथ ही नरारालय ने देश के महानगरों के अधिकारियों कमो वनदनेश दिया कि पिछले तीन माह के दलौरान असवचछ शलौचालय या खुली नाली या सीवर या सेप्टिक टिैंक या गड्े में मानव मल कमो हाथ से साफ करने, ले जाने, निपटिाने या अनरथा संभालने( मैनुअल सकैवेंजिंग) के कारण हुई मलौतों के परिजन कमो चार सपताह के तीस लाख रुपए की षिवतपूर्ति की जानी चाहिए ।
उच्तम नरारालय के नराराधीश सुधांशु धूलिया और नराराधीश अरविंद कुमार की पीठ ने मैनुअल सकैवेंजिंग और खतरनाक सफाई कारगों पर प्रतिबनध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गत 30 मार्च कमो अपना निर्णय सुनाया । पीठ ने दिलली, कमोलकाता, हैदराबाद और बेंगलुरु के अधिकारियों कमो मैनुअल सकैवेंजिंग और सीवर सफाई पर दिए गए असंतमोषजनक हलफनामों कमो लेकर तलब किया था । जांच के बाद पीठ कमो पता चला कि
नए हलफनामे भी चालाकी से शबदों कमो घुमा- फिराकर प्रसतुत किए गए थे । पीठ ने कहा कि सभी अधिकारियों कमो " हाथ से मैला ढमोने वालों के रूप में रमोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम- 2013 " के अंतर्गत चार सपताह के अंदर सभी मलौतों के लिए तीस लाख रुपए का मुआवजा देने के वनदनेश दिए हैं ।
सुनवाई के दलौरान नराराधीश धूलिया ने दिलली जल बमोड्ट के निदेशक पंकज कुमार अत्रे कमो एक विसतृत हलफनामा दाखिल करने और यह स्पष्ट करने का आदेश दिया कि मैनुअल सकैवेंजिंग कमो कब और कैसे रमोका गया? इसी तरह बेंगलुरु बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका का हलफनामा गलत पाया गया । लेकिन नरारालय ने सरकारी आंकड़ों के आधार पर साफ किया कि 2024 में चार और 2023 में तीन मलौतें हुई हैं । पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अगली सुनवाई में हलफनामा संतमोषजनक नहीं हुआ, तमो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी । पीठ ने हैदराबाद जल बमोड्ट कमो भी चेतावनी देते हुए कहा कि सीवर लाइन की सफाई और मरममत के दलौरान मजदूरों की मलौत
कमो अलग नहीं किया जा सकता । हालांकि, अतराधुनिक सफाई मशीनों की उपलबधता के लिए पीठ ने हैदराबाद की सराहना की । वहीं, पषशचम बंगाल सरकार कमो भी तीस लाख रुपए षिवतपूर्ति के रूप में देने का आदेश दिया गया है ।
हाथ से मैले की सफाई यानी मैनरुअल सकैवेंजिंग कमो रमोकने के लिए उच्तम नरारालय ने पहले से कई वनदनेश जारी कर रखे हैं । उच्तम नरारालय ने इसके लिए 2014 में गाइडलाइंस भी जारी की थीं । इसके आलावा उच्तम नरारालय ने केंद्र सरकार से फरवरी 2023 में कहा था कि वह बताए कि इस मामले में बने 2013 के कानून कमो लागू करने के लिए ्रा कदम उठाए हैं? मामले की सुनवाई अभी भी जारी है उच्तम नरारालय ने अधिकारियों कमो चेताया है कि अगर संतमोषजनक जवाब और कदम नहीं उठाए गए तमो उनके विरुधि प्राथमिकी दर्ज की जाएगी ।
जानकारी हमो कि उच्तम नरारालय ने 2014 में एक ऐतिहासिक फैसले में हाथ से कचरे और गंदगी की सफाई रमोकने के लिए तमाम वनदनेश जारी किए थे । साथ ही कहा था कि सीवर की खतरनाक सफाई के लिए किसी मजदूर कमो न लगाया जाए । उच्तम नरारालय ने कहा था कि बिना सुरषिा के सीवर लाइन में मजदूर कमो न उतारा जाए । कानून का उललंघन करने वालों कमो सखत सजा का भी प्रावधान किया गया था । साथ ही देश के राजरों और केंद्र शासित प्रदेशों कमो वनदनेश दिया था कि वह 2013 के उस कानून कमो लागू करे, जिसमें हाथ के कचरा उठाने की प्रथा कमो खतम करने के लिए कानूनी प्रावधान किया गया और पीवड़तों के पुनर्वास के लिए प्रावधान किया गया था । �
50 vizSy 2025