April 2024_DA | Page 25

आनंद उठा रहे हैं । यह लाखों नागरिकों के लिए सुरतक्ि पेयजल तक पहुंच में एक बडी छलांग है ।
प्धानमंरिी आवास योजना ( ग्ामीण एवं शहरी ) ने ग्ामीण एवं शहरी क्ेरिों में रहने वाले गरीबों के लिए कमशः 3.31 करोड और 81.03 लाख मकानों का निर्माण करते हुए किफायती आवास की आवशयकता को पूरा किया है । पीएम उज्वला योजना के तहत 10.3 करोड से अधिक एलपीजी कनेकशन ( 13 मार्च 2024 तक ) प्दान किए गए हैं । इससे गरीब-दलित परिवार भी सवच् रसोई ईंधन का उपयोग करने के लिए सशक्‍त हुआ है । इससे सांस संबंधी बीमारियों से बचने में मदद मिलती है । विकास और खुशहाली के लिए बिजली की उपलब्‍धता आवशयक है । सौभागय योजना के तहत मार्च 2021 तक बिना बिजली वाले 2.81 करोड से अधिक परिवारों को सफलतापूर्वक बिजली उपलब्‍ध कराई जा चुकी है ।
रोजगार एवं करौर्ल विकास
पिछले एक दशक के दौरान भारत ने अपने रोजगार परिदृशय में जबरदस्‍त बदलाव देखा
है । इसकी झलक आर्थिक एवं सामाजिक विकास में योगदान देने वाले कई सकारातमक रुझानों में मिलती है । यह विकास आर्थिक सुधारों , तकनीकी प्िति और कौशल विकास पर जोर सहित विभिन्न कारकों का नतीजा है । कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने वाले विभिन्‍न ढांचागत सुधार मौजूदा दशक में उतपादक रोजगार सृजन के लिए महतवपूर्ण बने हुए हैं ।
' मेक इन इंडिया ' कायमाकम विकास की इस गाथा के साथ जुडा है । यह कायमाकम विदेशी निवेश को आकर्षित करते हुए घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दे रहा है जिससे नए रोजगार सृजित हो रहे हैं । कारोबारी सुगमता जैसे सुधारों के जरिये नियमों को उपयुक्‍त और प्तकयाओं को सरल बनाने से उद्यमशीलता एवं छोटे वयवसायों के विकास को बढ़ावा मिला है । इससे रोजगार परिदृशय काफी बेहतर हुआ है । डिजिटल इंडिया जैसी पहल द्ारा समर्थित डिजिटल कांति ने सूचना प्ौद्योतिकी , ई-कॉमर्स एवं अनय डिजिटल क्ेरि में रोजगार के अवसर पैदा किए हैं ।
भारत का आर्थिक उतथान महज वृहद आर्थिक आंकडों पर ही केंद्रित नहीं है , बकलक यह अपने नागरिकों को उपयुक्‍त कौशल एवं
रोजगार क्मता के साथ सशकि बनाने पर भी केंद्रित है । पिछले एक दशक के दौरान ऐसे कई कायमाकमों का उद्ेशय कौशल में अंतर को पाटना , लोगों को सशकि बनाना और रोजगार एवं उद्यमिता के लिए उनकी क्मता का लाभ उठाना है । इसीलिए पीएम कौशल विकास योजना ( पीएमकेवीवाई ), कसकल इंडिया डिजिटल पलेटफॉर्म , राषट्रीय अप्ैंतटसशिप संवर्धन योजना ( एनएपीएस ), शिलपकार प्तशक्ण योजना के माधयम से करोड़ों गरीब , दलित , पिछड़े एवं वनवासी वर्ग को आतमतनभमार बनाया गया है । उपरोक्‍त कायमाकम लोगों की रोजगार क्मता बढ़ाने के लिए सभी आवशयक उपाय करते हुए उन्‍हें गरीबी के चंगुल से बाहर निकलने में एक सीढ़ी की तरह मददगार तसद हो रहे हैं ।
पिछले एक दशक के दौरान भारत में उद्यमशीलता की भावना में जबरदस्‍त वृतद देखी गई है । यह भावना समाज के विभिन्न विशों को लतक्ि करने वाली विभिन्‍न सरकारी कायमाकमों से प्ेरित है । इन कायमाकमों ने न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है , बकलक हाशिए पर मौजूद समुदाय के लोगों को पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकलने , एक उज्वल भविषय का
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