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मानवाधिकार हनन पर कांग्रेस की चयनात्मक राजनीति

डॉ . संबित पात्ा jk

्ट्ीय मान्वाधिकार आयकोग के 28 ्वें सथापना तद्वर पर प्िानमंत्री नरेनद्र मकोदी ने मान्वाधिकार हनन में राजनीतिकरण किये जाने जैसे बहतुत ही महत्वपूर्ण और सं्वेदनशील त्वरय कको सामने रखते हतुए कहा कि मान्वाधिकार का हनन तब हकोता है जब राजनीतिक नफे नतुकासन के लिए इसे राजनीतिक चशमे से देखा जाता है । इस लिहाज से देखें तको राहतुि गांधी और तप्यंका गांधी मान्वाधिकार के चैपमपयन बनते नजर आते हैं लेकिन चाहे राजसथान के प्ेमपमतुरा में दलित यतु्वक जगदीश मेघ्वाल कको पीटपीट कर मारने की घटना हको , चाहे जालौर में दलित यतु्वक जितेनद्र बापमबया और अि्वर मे दलित यकोगेश जाट्व कको पीट पीट कर मारने की घटना हको ,
राहतुि जी और तप्यंका जी चुप्पी साधे रहते हैं ।
राजसथान में 16 वर्षीय यतु्वती से बलातकार सहित दलित और महिला उतपीड़न की अनेक घटनाएं हतुई । हनतुमानगढ़ में किसानों की मांग प्दर्शन पर बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज हतुआ । इसी तरह , नागपतुर और डोंडा्वेली में महिला से बलातकार की घटनाएं हतुई । महा्वरूली अघाडी सरकार ने इसका त्वरकोि करने ्वाले दतुकानदारों और आटकोरिक्शा ्वालों कको बर्बरतापू्व्सक मारा । किंततु राहतुि और तप्यंका जी कको राजसथान और महारा्ट् की घटनाओं से ककोई फर्क नहीं पडता है क्योंकि ्वहां कांग्ेर की सरकार सत्ा में है । आखिर राहतुि जी और तप्यंका जी उन पीड़ित परर्वारों के प्ति कब सं्वदेना वयक्त करेंगे । उनसे कब मिलेंगे ?
इन मामलों में राहतुि जी या कांग्ेर का एक
ट्वीट तक नहीं आता है । राहतुि और तप्यंका जी गैर कांग्ेरी शासित राजयों में जाकर ही पीड़ितों से मिलते हैं । जममू ए्वं कशमीर में धारा 370 हटने से पहले दलितों कको अधिकार नहीं मिल रहा था । राजसथान के मतुख्यसचिव और पतुतिस प्मतुख से मान्वाधिकार आयकोग ने र्वाल किया है कि जािकोर में लड़की के अपहरण और उसके बाद खतुद जलाकर आतमहतयाएं , ककोटा में नाबालिग से बलातकार , हतुनमानगढ में जिंदा जलाने की घटना आदि अनेकों जघनय अपराध की घटनाओं कको लेकर र्वाल पूछा है । किन्तु उस पर कांग्ेर की चुप्पी है । राहतुि जी , तप्यंका जी ्वहां कभी नहीं गये । क्या महारा्ट् और राजसथान के दलित “ दलित ” नहीं हैं । गैर कांग्ेर शासित राजयों में जाकर समाज में अपसथरता पैदा करना चाहते है । क्या यह चयनातमक राजनीतिक सही है ? �
22 दलित आं दोलन पत्रिका uoacj 2021